कोलकाता (पीटीआई)। भारत के कप्तान विराट कोहली ने अगले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे में डे / नाइट टेस्ट को लेकर दरवाजे खोल दिए हैं। कोहली का कहना है वह डे-नाइट टेस्ट पर विचार कर सकते हैं बशर्ते उनकी टीम को एक अभ्यास मैच खिलाया जाए, जोकि 2017-18 के दौरे के दौरान शेड्यूल नहीं किया गया था। बता दें भारत ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में लाइट के नीचे टेस्ट खेलने से मना कर दिया था मगर शुक्रवार से टीम इंडिया बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में पहला डे-नाइट टेस्ट खेलने जा रही है। लेकिन कप्तान ने इस बारे में विस्तार से बात की कि उन्हें पहले के अवसरों पर क्यों आशंका थी।

अभ्यास मैच खेलना जरूरी

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले साल के बड़े दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलिया में डे / नाइट टेस्ट खेलने के लिए तैयार होंगे, कोहली ने इसका सकारात्मक जवाब दिया। कोहली ने कहा, "जब भी यह आयोजित होता है, तो इससे पहले एक अभ्यास मैच होना चाहिए।" कोहली ने आगे कहा कि भारतीय टीम ने 2017-18 के दौरे के दौरान एडिलेड में डे / नाइट टेस्ट खेलने से इनकार कर दिया था, क्योंकि शेड्यूल के मुताबिक, हम अचानक टेस्ट से डे-नाइट टेस्ट नहीं खेल सकते थे। विराट कहते हैं, 'जाहिर है, हम गुलाबी गेंद के क्रिकेट का अनुभव प्राप्त करना चाहते थे। आखिरकार, ऐसा होना ही था। लेकिन आप सिर्फ बड़े दौरे से पहले और अचानक शेड्यूल में उन चीजों को नहीं ला सकते हैं, जब हम गुलाबी गेंद का टेस्ट करते हैं।" हमने गुलाबी गेंद से अभ्यास भी नहीं किया है। हमने गुलाबी गेंद से कोई प्रथम श्रेणी का खेल नहीं खेला है। कोहली ने उस विशेष दौरे का जिक्र करते हुए कहा, "ऐसे मैच अचानक नहीं खेले जाते।"

इसकी आदत बनानी होगी

विराट ने आगे कहा, 'आप सिर्फ दो दिन पहले नहीं जा सकते हैं और कह सकते हैं कि आप एक सप्ताह के समय में गुलाबी गेंद का टेस्ट खेल रहे हैं। हमने वास्तव में यह नहीं सोचा था कि यह उस सोच से अलग है। इसके लिए थोड़ी तैयारी की जरूरत थी। एक बार इसकी आदत हो जाएगी तो इसे खेलने में कोई समस्या नहीं है। आप पहले से योजना बना सकते हैं। कोहली खुश हैं कि भारत पहली बार घर में डे / नाइट टेस्ट खेल रहा है। उन्होंने कहा, 'देखो, बात यह थी कि हमारी अपनी स्थितियों में 'पिंक बॉल टेस्ट' का अनुभव किया जाए कि गेंद कैसे व्यवहार करती है। गेंद का स्विंग कैसा है, यह एक बार समझ में आ जाए तो हम कहीं भी खेल सकते हैं "भारतीय कप्तान ने कहा।

चुनौतियों से होगा निपटना

पिंक बाॅल टेस्ट को लेकर विराट भी मानते हैं कि निश्चित रूप से कुछ चुनौतियां होंगी जिनमें सबसे अधिक ओस और शाम के समय का खेल होगा। कोहली ने गुलाबी गेंद टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, 'पिछले सत्र के अंत में शायद एक सबसे बड़ा कारक ओस है। हमें खेलना होगा क्योंकि यह आता है और इसे सबसे अच्छे तरीके से प्रबंधित करना है। यह किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में होने वाले डे-नाइट टेस्ट से अलग है। हम नई चुनौती के लिए उत्साहित हैं।"

जल्दी से पहचानना होगा कलर

लाल गेंद का सामना करने की तुलना में गुलाबी गेंद कैसी होगी। इस पर विराट कहते हैं, 'यदि आपने गुलाबी गेंद से नहीं खेला है, तो यह खेल के माध्यम से चुनौतीपूर्ण होने वाला है। लाल गेंद की तुलना में इसमें ठोस तकनीक की आवश्यकता है। खासतौर से गुलाबी रंग को आपने सही से पहचाना नहीं तो यह काफी परेशान कर सकता है। बता दें दुनिया में अब तक 11 डे-नाइट टेस्ट खेले गए हैं और ऑस्ट्रेलिया पांच मैचों में पांच जीत के साथ सबसे प्रमुख टीम है।

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