आलू के दामों में गिरावट के बावजूद फुटकर मार्केट में लूटखोरी

हरी सब्जियों की भरमार का भी नहीं हो रहा महंगाई पर असर

ALLAHABAD: बिचौलियों की मुनाफाखोरी का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। उदाहरण सब्जियों का है। मंडी में आलू के दामों में गिरावट के बावजूद लोगों को फुटकर मार्केट में अधिक दाम देने पड़ रहे हैं। प्रशासन भी इससे अनजान बना हुआ है। इसी तरह हरी सब्जियों की बाजार में भी जबरदस्त मंदी आई है लेकिन इसका फायदा भी आम जनता को नहीं मिल रहा है। जानकारों की माने तो आने वाले दिनों में आलू के दामों में भारी गिरावट हो सकती है।

तीन सौ रुपए तक सस्ता हुआ आलू

कुछ दिनों पहले तक मुंडेरा थोक मंडी में आलू की कीमतें दो हजार रुपए प्रति क्विंटल थी। अब यही जी फोर आलू 1600 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। इसी तरह गोला आलू की कीमतों में भी इतनी ही गिरावट दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि कानपुर, फतेहपुर, फरुखाबाद, मैनपुरी आदि इलाकों से आलू की अच्छी आवक हो रही है। इसके चलते भविष्य में आलू की थोक मंडी और नीचे जाएगी। जिसका फायदा निश्चित तौर पर पब्लिक को मिलना चाहिए।

बिचौलिए ले जा रहे मुनाफा

आलू की सस्ती बाजार का जो फायदा पब्लिक को मिलना चाहिए, उसका मुनाफा बिचौलिए कमा रहे हैं। थोक मंडी से सस्ता माल उठाकर ये लोग फुटकर मार्केट में अभी भी 25 से 26 रुपए प्रतिकिलो की कीमत पर बेच रहे हैं। जिससे आम जनता अनभिज्ञ है। बता दें कि जल्द ही दक्षिण भारत से भी आलू की बेहतर आवक होने वाली है। इसके बाद आलू के दाम जमीन पर तेजी से आएंगे। जानकारी के मुताबिक देश में आलू की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी में आलू के थोक भाव 11 से 16 रुपए प्रतिकिलो हैं। आगरा मंडी में भी आलू 15 रुपए में बिक रहा है।

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हरी सब्जियों में भी मची है लूट

महंगाई का असर केवल आलू तक सीमित नहीं है। मुनाफाखोर हरी सब्जियों की बाजार को भी मनचाहे तरीके से प्रभावित कर रहे हैं। इस समय मंडी में हरी सब्जियों की भरपूर आवक हो रही है, जिससे दाम काफी नीचे आ गए हैं। उदाहरण के तौर पर मंडी में लौकी दस रुपए में है जबकि फुटकर में बीस रुपए में बेची जा रही है। तरोई दस की जगह 15 रुपए, टमाटर थोक मंडी बीस रुपए प्रतिकिलो पहुंच गया और फुटकर में 35 से 40 रुपए वसूला जा रहा है। अरुई मंडी में दस से बारह रुपए में है और मुनाफाखोर इसके 30 से 40 रुपए तक वसूल रहे हैं।

मंडी से खरीदें सब्जियां

फुटकर बाजारों में मची लूटखोरी का असर है कि मुंडेरा थोक मंडी में खरीदारों की भीड़ बढ़ रही है। शहर के कोने कोने से लोग आकर यहां सब्जियों की खरीदारी में व्यस्त हैं। ममफोर्डगंज के सतीश मिश्रा ने बताया कि सप्ताह या पंद्रह दिन में एक बार जाकर ढेरों सब्जियां खरीद लेते हैं। यह उनको सस्ती पड़ती है। इसी तरह राजरूपपुर के विवेक ने भी बताया कि शहर की फुटकर मंडियों और थोक मंडी में सब्जियों के दामों में जमीन आसमान का अंतर है। खासतौर से हरी सब्जियों की खरीदारी के लिए मुंडेरा मंडी बेहतर विकल्प है।

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सब्जियों के दामों में भारी गिरावट हुई है। आलू में दो से तीन सौ रुपए प्रतिकिलो सस्ता हुआ है। हरी सब्जियों की भरमार होने से उनके दाम भी गिरे हैं। आलू की मांग भी कम हुई है। फुटकर बाजारों में प्रशासन को मुनाफाखोरों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए, इससे पब्लिक को महंगाई से राहत मिलेगी।

सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, मुंडेरा सब्जी मंडी