आनंद की चाल पड़ी सीधी
आपको बताते चलें कि टूर्नामेंट में 6 प्लेयर्स के बीच राउंड रोबिन आधार पर यह मैच खेले गये. इस दौरान आनंद ने पहली चार बाजियां ड्रॉ करवायी थी, जिसके बाद आनंद को टाइटल जीतने के लिये हरहाल में एक जीत की जरुरत थी. हालांकि इसमें उनकी किस्मत ने भी साथ दिया जिसमें एडम्स ने सफेद मोहरों से ड्रॉ करवाने के बजाय मुकाबले में बने रहने की तरजीह दी. आनंद ने इस जीत से एलीट शतरंज में अपनी मौजूदगी को बरकरार रखा है. गौरतलब है कि लंदन क्लासिक से दो सप्ताह पहले उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप मुकाबले में नार्वे के मैगनस कार्लसन के हाथों हार का सामना करना पडा था.

एडम्स को गलती पड़ गयी भारी
इस पूरे मैच के दौरान आनंद ने काले मोहरों से सहजता से अपनी चालें चली. मिडिलगेम तक रानी बोर्ड से हट चुकी थी और एडम्स तब तक बराबरी पर थे लेकिन इसके बाद उन्होंने गलतियां की जिससे आनंद की जीत की संभावना बढ़ गयी. एडम्स को पांच मिनट में नौ चाल चलनी थी और ऐसे में उन्होंने 32वीं चाल में बड़ी गलती की. इसके बाद आनंद ने पीछे मुडकर नहीं देखा और 36 चाल में बाजी जीत ली. लंदन स्कोरिंण प्रणाली में काले मोहरों से जीत दर्ज करने वाले खिलाडी को अधिक तवज्जो दी गयी जबकि गिरी और क्रैमनिक ने इससे पहले सफेद मोहरों से जीत दर्ज की थी. अमेरिका के हिकारु नकामुरा भी खिताब के दावेदार थे लेकिन वह विश्व के दूसरे नंबर के खिलाडी इटली के फैबियानो कारुआना से पार नहीं पा सके और उन्होंने बाजी ड्रॉ करवायी. नकामुरा छह अंक के साथ चौथे स्थान पर रहे जबकि एडम्स और कारुआना दोनों के समान चार-चार अंक रहे.

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