-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से सनबीम वरुणा के हारमनी ऑडिटोरियम में ऑर्गनाइज हुआ इंजीनियरिंग गेटवेज

-इंजीनियरिंग में कॅरियर संवारने वाले स्टूडेंट्स को एक्सप‌र्ट्स ने दिए टिप्स

-दो सेशन में सैकड़ों स्टूडेंट्स बदलते एजुकेशन सिस्टम से हुए वाकिफ

VARANASI

अगर मार्केट में कुछ नया परोसा जाए, तो पब्लिक उसे एक्सेप्ट करने को तैयार है। लेकिन अगर थोड़ा सा भी मिक्सिंग किया गया तो उसका हाल 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' की तरह हो जाएगा, जो पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन की घटिया नकल है। यानि कॉपी और पेस्ट के बजाए कुछ नया करेंगे तभी हिट होगा। ऑनलाइन शॉपिंग और रोबोट जिसके बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था, उसने कुछ घंटे में ही पूरी दुनिया के कोने-कोने में हलचल मचा दी। मिर्जापुर की स्टोरी सीरीज ऐसा सेंसेशन बनी कि आज सबकी जुबां पर उसका नाम है, और देखते ही देखते मोबाइल की गैलरी में उसने जगह बना ली। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज वीआईटी प्रेजेंट्स इंजीनियरिंग गेटवेज-18 में दूसरे दिन एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स को नये दौर की हकीकत से रूबरू कराया। वहीं उन्हें भीड़ से अलग दिखने के टिप्स भी दिए।

जिसने रिस्क लिया वही आगे बढ़ा

फेमस मोटीवेटर अरुणेंद्र सोनी ने कहा कि आज उनका ही नाम सक्सेज लिस्ट में शामिल है, जिन्होंने लाइफ में रिस्क लिया। वरना जो एक जगह ठहरे रह गए है, वह आज भी वहीं हैं। कहा कि गूगल के सुंदर पिचाई आज इंजीनियरिंग फील्ड का अननोन नाम नहीं है। कई स्टूडेंट्स के वह आइडियल भी हैं। और अब जो जमाना है, हमें ऐसे ही आइडियल बनाने होंगे। अपने ड्रीम को पूरा करने के लिए स्ट्रगल करना होगा, इसमें थोड़ी परेशानी जरूर होगी, लेकिन एक न एक दिन कामयाबी आपका कदम चूमेगी। अरुणेंद्र ने कहा कि अगर हम उन 93 परसेंट इंजीनियर्स की लिस्ट से बाहर रहना चाहते हैं जिनके पास डिग्री तो है, लेकिन वह नौकरी के लायक नहीं हैं। ऐसे में हमें खुद को प्रूव करना होगा। जब दूसरे निकल सकते हैं तो हम क्यों नहीं।

थ्योरी को लैब में अप्लाई करने का मौका

वीआईटी भोपाल कैंपस के प्रोफेसर मयंक गुप्ता ने स्टूडेंट्स को बताया कि वे खुद वीआईटी के प्रोडक्ट हैं। ऐसे में वे खुद इस बात के उदाहरण हैं कि किस तरह से वीआईटी से पढ़कर स्टूडेंट्स अपना फ्यूचर बना सकते हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रॉसेस से लेकर प्लेसमेंट तक की पूरी जानकारी दी। बताया कि वीआईटी में यूं तो कई खास चीजें हैं, लेकिन इसकी एक बात इसे सभी यूनिवर्सिटीज और इंजीनियरिंग कॉलेजेज से अलग करती है। वह है करिकुलम अप्लाइड लर्निग (सीएएल) व फुली फ्लेक्सिबल क्रेडिट सिस्टम (एफएफसीएस)। इसके थ्रू स्टूडेंट्स के पास यह मौका होता है कि वह जिस सब्जेक्ट का चाहे सेलेक्शन कर सकता है, वहीं टीचर भी स्टूडेंट्स को उसके पसंद का ही मिलेगा, यह भी फैसिलिटी वीआईटी अपने स्टूडेंट्स को देता है। खास बात यह कि वीआईटी में थ्योरी को लैब में अप्लाई करने का पूरा मौका दिया जाता है।

स्टूडेंट्स को क्रिएटिविटी की छूट

दो सेशन में ऑर्गनाइज इस इवेंट में वीआईटी यूनिवर्सिटी के डॉ। सुमित जिंदल ने स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी की खूबियों से रूबरू कराया। उन्होंने एक वीडियो के थ्रू वीआईटी की पूरी इंफॉर्मेशन विजुअली प्रेजेंट की। इसमें कॉलेज कैंपस की खासियत बताने के साथ ही यहां कितने स्टूडेंट्स हैं, कंप्यूटर लैब कैसा है, स्पो‌र्ट्स में वीआईटी किस तरह से स्टूडेंट्स को फैसिलिटी देता है, यह सब बताया गया। इतना ही नहीं क्लास रूम कैसा है, इसकी भी विजुअल प्रेजेंटेशन दी गई। उन्होंने बताया कि अब वीआईटी के चार कैंपस हैं। यहां पांच डे कैंपस है और बाकी दो दिन छुट्टी। इसे यूटिलाइज करने के लिए स्टूडेंट्स ने करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा क्लब बना रखे हैं, जिसके थ्रू वह अपनी हॉबीज को पूरा करते हैं। इसमें योगा क्लब, रोबोटिक्स क्लब, कल्चरल क्लब के साथ कई और क्लब हैं, जहां स्टूडेंट्स की क्रिएटिविटी देखने को मिलती है।

एडमिशन को रजिस्ट्रेशन शुरू

वीआईटी के प्रो। मयंक गुप्ता ने बताया कि वीआईटी में एडमिशन के लिए सिर्फ एक ही ऑप्शन है, वह है वीआईटीईईई। इसके फॉर्म भरने की शुरुआत हो चुकी है और 28 फरवरी तक स्टूडेंट्स फॉर्म भर सकते हैं। उन्होंने बताया कि 10 से 21 अप्रैल तक लगातार एंट्रेंस का दौर चलेगा, जिसमें स्टूडेंट्स अपनी कनवीनियंट के हिसाब से दिन और एग्जामिनेशन का स्लॉट चुन सकते हैं।

दीप प्रज्ज्वलन से हुई शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस दौरान वीआईटी से आए प्रो। मयंक गुप्ता, डॉ। सुमित जिंदल, मोटीवेशनल स्पीकर अरुणेंद्र सोनी, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के डीजीएम मार्केटिंग एलके झा, एडिटोरियल हेड डॉ। रविंद्र पाठक व सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर व डालिम्स रोहनियां के प्रिंसिपल डॉ। वीके मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद एडिटोरियल हेड ने सभी गेस्ट का बुके देकर वेलकम किया। इस दौरान लकी ड्रॉ भी निकाला गया, जिसमें स्टूडेंट्स को प्राइज भी दिए गए।

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कोट--------

वीआईटी में कैल्टेक टेक्नोलॉजी के थ्रू स्टडी कराई जाती है। इसमें थ्योरेटिकल के बजाए प्रैक्टिकल पर फोकस किया जाता है। स्टूडेंट्स अगर कोई प्रपोजल लाता है, तो उस प्रॉडक्ट को बनाने, उसके पेटेंट को डेवलप करने में वीआईटी हेल्प करता है। स्टार्टअप के लिए फाइनेंशियल एड भी दी जाती है। जिसके बाद स्टूडेंट्स को इंटरप्रेन्योर बनने का मौका मिलता है।

डॉ। सुमित जिंदल, असिस्टेंट प्रोफेसर

वीआईटी वेल्लोर

वीआईटी में जो भी फैकेल्टी हैं, सभी हाईली क्वालिफाइड हैं। वीआईटी में बीटेक करने वाले स्टूडेंट्स को यह फायदा है कि यहां वह 300 में से 200 क्रेडिट सीएस का करते हैं और 100 क्रेडिट मेकेनिकल का कंप्लीट करते हैं, तो उन्हें बीटेक इन सीएस विद माइनर इन मैकेनिकल की डिग्री प्रोवाइड की जाती है। जबकि अन्य यूनिवर्सिटीज व इंस्टीट्यूट्स में यह अवसर नहीं मिलता।

प्रो। मयंक गुप्ता, वीआईटी भोपाल

हर तरह के एंट्रेंस एग्जाम में स्टूडेंट्स को काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। ऐसा इसलिए होता है कि वह प्रॉपर पढ़ाई की बजाए रटकर एग्जाम देने में विश्वास करते हैं। ऐसे में तत्काल उनकी प्रॉब्लम दूर हो जाती है, लेकिन उनका कॉन्सेप्ट क्लीयर नहीं हो पाता। इसलिए सबसे जरूरी है कि स्टूडेंट्स पहले अपना कॉन्सेप्ट क्लीयर कर लें। न्यूमेरिकल्स को सॉल्व करने के लिए एक्युरेसी, ब्रीफ और क्लैरिटी जरूरी है।

डॉ। वीके मिश्र, सिटी कोऑर्डिनेटर

सीबीएसई व प्रिंसिपल डालिम्स

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इन स्कूल्स के स्टूडेंट्स ने किया पार्टिसिपेट

-उदय प्रताप पब्लिक स्कूल

-संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल

-महात्मा जेएफ पब्लिक स्कूल

-निवेदिता ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

-ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल

-भारतीय शिक्षा मंदिर इंटर कॉलेज

-सेंट मेरीज कॉन्वेंट स्कूल

-तोमर चिल्डे्रंस स्कूल

-जीवनदीप इंग्लिश स्कूल

-गुरुनानक इंग्लिश स्कूल