विशाखापत्तनम (पीटीआई)। गुरुवार सुबह विशाखापत्तनम की एलजी केमिकल फैक्ट्री से हुआ गैस रिसाव जानलेवा बन चुका है। अभी तक इससे सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। हालांकि फैक्ट्री से जुड़े अधिकारियों की मानें तो, हवा में स्टाइरिन गैस का प्रसार हवा पर भी निर्भर करता है। यानी कि हवा जितनी तेजी चलेगी, यह उतनी दूर तक फैल सकता है। फिलहाल इस गैस को 4-टर्ट-ब्यूटाइलेटकोल (टीबीसी) जैसे रसायनों से खत्म किया जा रहा है।

न्यूट्रिलाइज की जा रही है गैस

सुबह से लीक हुई इस गैस के चलते आसपास के गांवों के लोगों को काफी दिक्कतें आईं हैं। अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है और 300 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं। गैस के संपर्क में आने से लोगों को सांस फूलने, मतली और अन्य समस्याओं की शिकायत हुई। फैक्ट्री के संयुक्त मुख्य निरीक्षक जे शिव शंकर रेड्डी ने पीटीआई को बताया, 'कर्मचारी इस गैस को बेअसर करने में लगे हुए हैं। तमाम रसायनों से इस गैस को न्यूट्रिलाइज किया जा रहा है। वे टीबीसी जैसे न्यूट्रिलाइजऱ का उपयोग कर रहे हैं।'

हवा तेज होने से फैलने का खतरा

स्टाइलिन जिसे एथेनिलबेनजीन के रूप में भी जाना जाता है। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) को प्रभावित करता है। जिससे सिरदर्द, थकान, कमजोरी और अवसाद हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह मुख्य रूप से पॉलीस्टाइन प्लास्टिक और रेजिन के उत्पादन में उपयोग किया जाता है। अधिकारी की मानें तो, 'गैस का प्रसार दो-तीन किमी तक हो सकता है। हालांकि यह हवा की गति पर भी निर्भर करता है। हम वास्तव में यह नहीं कह सकते हैं कि यह कितने किलोमीटर तक फैला है। यदि हवा का प्रवाह तेज है, तो यह अधिक दूर तक फैल जाएगा।'

लॉकडाउन के चलते बंद था प्लॉन्ट

रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण केमिकल प्लॉन्ट चालू नहीं था। कंपनी जल्द ही इसे फिर से खोलने की योजना बना रही थी। घटना के समय वहां केवल कुछ कर्मचारी थे जिसमें सुरक्षा गार्ड और रखरखाव कर्मी शामिल हैं। रेड्डी के अनुसार, 350 से 400 कर्मचारियों वाली इस फर्म के पास काम करने के लिए सभी आवश्यक परमिट हैं।

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