ये रविवार को हुए राष्ट्रपति पद के लिए मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में अनुमानित 60 फीसदी वोट से भी ज्यादा है। सोमवार को जारी आधिकारिक नतीजों के मुताबिक पुतिन अपने सबसे नजदीकी प्रतिद्वंदी, गेनडी ज्यूगानोव से बहुत आगे रहे। वामपंथी पार्टी के नेता ज्यूगानोव के हक में केवल 17 फीसदी वोट पड़े।

पुतिन इससे पहले भी रूस में दो कार्यकालों के लिए राष्ट्रपति रह चुके हैं और वे विगत चार वर्षों से देश के प्रधानमंत्री हैं। लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इन चुनावों में व्यापक धांधली हुई है और कई लोगों ने एक से अधिक बार मत डाले हैं। विपक्ष ने सोमवार को मॉस्को में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन भी किया है।

मुख्य चुनाव आयोग के मुताबिक इस चुनाव में 64 फीसदी मतदाताओं ने अपने मतदान का प्रयोग किया है।

नम आंखों से शुक्रिया

इससे पहले प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में अपने समर्थकों की एक रैली में ऐलान किया कि वे एक खुली और ईमानदार चुनावी जंग में जीत गए हैं। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए पुतिन ने ‘देश के हर कोने में अपने समर्थकों का धन्यवाद किया’।

पुतिन ने नम आंखों में कहा, “मैंने वादा किया था कि हम जीतेंगे और हम जीत गए हैं। रूस का वैभव बना रहे। हम एक खुली और ईमानदार चुनावी जंग में जीते हैं। हमने साबित कर दिया है कि हम पर कुछ नहीं थोपा जा सकता। ”

पुतिन समर्थकों के बैनर पर लिखा था - पुतिन, हमारे राष्ट्रपति, हम पुतिन पर यकीन करते हैं। लेकिन ऐसे संकेत भी मिले हैं कि क्रेमलिन के बाहर पहुंचे लोगों में से कुछ को यहां आने के लिए मजबूर किया गया है।

मॉस्को में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है और शहर में इस समय छह हज़ार अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात हैं जिन्हें देश के अन्य हिस्सों से लाया गया है।

धांधली के आरोप

मतदान समाप्त होने के बाद एक प्रेसवार्ता में वामपंथी नेता गैनेडी ज़्यूगानोव ने कहा था कि चुनाव सही ढंग से नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ते जन आक्रोश के चलते पुतिन पहले की तरह राज नहीं कर पाएंगे। एक पुतिन विरोधी नेता व्लादिमीर रिजकोव ने कहा कि ये चुनाव किसी भी तरीके से वैध नहीं कहे जा सकते।

इस बीच व्लादिमीर पुतिन के चुनाव अभियान के प्रमुख स्टेनिस्लाव गोवोरुखिन ने इन चुनावों को रूस के इतिहास में सबसे साफ-सुथरा क़रार दिया है। ये चुनाव दिसंबर में हुए संसदीय चुनावों में धांधली के आरोपों की पृष्ठभूमि में हुए हैं।

रूस में मौजूद पर्यवेक्षकों ने कहा है कि कई लोगों को बसों में भरकर कई मतदान केंद्रों पर ले जाकर बार-बार मतदान करवाया गया है। ये धांधली मतदान केंद्रों पर वेब कैमरे लगाए जाने और हज़ारों स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की मौजूदगी के बावजूद हुई है।

पुतिन विरोधी ब्लॉगर और भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान चलाने वाले अलेक्सी नवालनी ने बीबीसी को बताया, “बड़े पैमाने पर जालसाज़ी, विशेषकर मॉस्को मेंएक ही मतदाता समूह द्वारा बार-बार विभिन्न केंद्रों पर मतदान करने की घटनाएं हुई हैं.”

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