RANCHI : आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते, लेकिन कभी-कभी आंकड़ों की सच्चाई पर आसानी से विश्वास भी नहीं होता। राज्य के तीन विधानसभा क्षेत्रों में पिछले पांच वर्षो के दौरान मतदाता बढ़ने की बजाए घट गए हैं। सहसा विश्वास नहीं होता, लेकिन यही सच्चाई है। विधानसभा चुनाव ख्009 के मुकाबले रांची, हटिया और झरिया में मतदाता बढ़ने की बजाय घटे हैं। रांची में ब्7,म्0ख् झरिया में क्0,087 और हटिया में म्फ्ख् मतदाता कम हुए हैं। यह अंतर और भी बड़ा होता, लेकिन आयोग के निर्देश पर लोकसभा चुनाव के दौरान और बाद में जून के माह में विशेष मतदाता पुनरीक्षण शिविर का आयोजन कर हजारों नये मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गये। रांची में ख्009 में कुल फ् लाख भ्फ् हजार ब्म्क् मतदाता थे, जो ख्0क्ब् में घट कर फ् लाख भ् हजार 8भ्9 रह गए हैं। झरिया में ख्009 में ख् लाख 7म् हजार 8म् मतदाता थे, जो ख्0क्ब् में घट कर ख् लाख म्भ् हजार 999 हो गए। वहीं ख्009 में हटिया में फ् लाख 80 हजार 8म्म् मतदाता थे, जो घट कर फ् लाख 80 हजार ख्फ्ब् हो गए हैं।

क्यों घटे मतदाता ?

अगस्त ख्0क्फ् में आयोजित शिविर के दौरान पूरे झारखंड में छह लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम काटे गए थे। इनमें से ज्यादातर वैसे मतदाता थे जो बाहर शिफ्ट कर गए थे, लेकिन उनका नाम मतदाता सूची से नहीं हटा था। इसी कारण रांची, हटिया और झरिया में मतदाताओं की संख्या में ख्009 की अपेक्षा कमी देखी जा रही है।

बाइट/वक्तव्य

विशेष मतदाता पुनरीक्षण शिविर के दौरान राज्य भर में छह लाख से ज्यादा 'डेड वोटर्स' के नाम हटाए गए। संभव है कि रांची, झरिया और हटिया में इनकी संख्या सबसे ज्यादा रही हो।

पीके जाजोरिया

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, झारखंड

फैक्ट फाइल

विधानसभा क्षेत्र ख्009 में मतदाता ख्0क्ब् में मतदाता

रांची फ्भ्फ्ब्म्क् फ्0भ्8भ्9

झरिया ख्7म्08म् ख्म्भ्999

हटिया फ्808म्म् फ्80ख्फ्ब्