- डाक विभाग की तरफ से बनाए जाने वाला इंटरनेशनल पार्सल घर का निर्माण लटका

- तत्कालीन एसएसपी ने 2013 में शुरू की थी बनाने की कवायद

GORAKHPUR: डाक विभाग की तरफ से बनाए जाने वाले इंटरनेशनल पार्सल घर का निर्माण फिलहाल ठंडे बस्ते में है। राप्तीनगर एरिया में बनने वाले इस पार्सल घर का निर्माण न होने से आज भी यहां के बिजनेसमैन को ट्रेन और बसों से ही अपने सामान भेजने पड़ते हैं। अगर यह बन जाता, तो इससे गोरखपुर और आसपास के इलाकों के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल के लोगों को भी काफी फायदा होता। जहां लोकल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल पार्सल टाइमली डेलिवर होते, वहीं सरकारी हाथों में होने की वजह से लोगों को इसके खो जाने का डर भी नहीं सताता। मगर जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से यह योजना अधर में लटकी पड़ी है।

2013 में बनाया गया था प्रस्ताव

सिटी के राप्तीनगर एरिया में इंटरनेशनल पार्सल घर बनाने की कवायद 2013 में शुरू की गई थी। इसके लिए लखनऊ व नई दिल्ली हेड क्वार्टर प्रस्ताव बनाकर भेज भी गया, लेकिन अब तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। डाक विभाग से जुड़े लोगों की माने तो इसे बनाने के लिए पहले तो जमीन की तलाश की गई। जब राप्तीनगर स्थित दूरदर्शन कालोनी के बगल में जमीन मिल गई, तो फिर बजट के फेर में इसका निर्माण फिर अटक गया। नई दिल्ली संचार विभाग को भेज दिया गया, बजट सेंशन होने के बाद भी गोरखपुर मंडल के अधिकारियों ने इस पर कोई रूचि नहीं दिखाई।

तबादला ने रोक दी राह

विभागीय सूत्रों की मानें तो तत्कालीन एसएसपी आलोक ओझा ने इंटरनेशनल पार्सल घर बनाए जाने की कवायद की थी, लेकिन मार्च 2014 में दर्जन भर खाता धारकों के करोड़ों रुपए गबन का मामला प्रकाश में आया। तब से लगातार फरार एजेंट्स की धरपकड़ और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चलती रही। इस बीच तत्कालीन एसएसपी आलोक ओझा और पीएमजी राकेश कुमार का तबादला हो गया। उसके बाद से इस पार्सल घर का मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

ज्यादातर माल दिल्ली और कोलकाता से आते हैं, लेकिन आज भी माल लाने के लिए ट्रेंस का सहारा लेना पड़ता है। इंटरनेशनल पार्सल घर होता तो काफी हद तक सहूलियत मिल जाती।

राकेश कुमार ओझा, बिजनेस मैन

इलेक्ट्रानिक आइट्म्स का कारोबार है। माल को लाने में काफी दिक्कत होती है। अगर पार्सल घर बन गया होता तो हमारे साथ सरकार का भी राजस्व बढ़ता।

अमित कुमार, बिजनेस मैन

इंटरनेशनल पार्सल घर बनाया जाना है। इसके लिए जल्द ही उच्च अधिकारियों की एक बैठक होगी। उसमें निर्णय लिया जाएगा।

देवव्रत त्रिपाठी, एसएसपी, डाक विभाग