आई कनसर्न
मनोज बेदी
मेरठ : उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में हिंदू विवाह अधिनियम को विवाह अधिनियम में बदल दिया है। इसके तहत सभी को विवाह रजिस्ट्रेशन कराने पर जोर दिया जा रहा है, जबकि मेरठ के अधिकारी अभी पुराने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत लोगों का रजिस्ट्रेशन कर रहे है।
देरी पर जुर्माना
एक महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया था। सरकार ने फरमान जारी किया है कि अब सरकारी योजनाओं में उन्हीं लोगों को लाभ मिलेगा, जिनका विवाह पंजीकरण होगा। देरी से विवाह पंजीकरण कराने पर अर्थदंड भी लगेगा। विवाह पंजीकरण सभी धर्मो के लोगों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। एआईजी स्टांप संजय श्रीवास्तव का कहना है कि अभी हिंदू विवाह पंजीकरण किया जा रहा है। लेकिन विवाह पंजीकरण का कोई आदेश उनके पास नहीं आया है।
फिगर्स स्पीक
रु। 10 शादी के तुरंत बाद
रु। 50 प्रति वर्ष शादी के बाद देरी होने पर
900 विवाह पंजीकरण पिछले 30 दिन में
1 दिन में पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण
12000 लोग हिंदू विवाह रजिस्ट्रेशन की लाइन में
500 वकील हिंदू विवाह रजिस्ट्रेशन का करते हैं काम
5 स्थानों पर जिले में कैंप लगाने की है सरकार की योजना
2 विभागों को दी गई है जिम्मेदारी
यह कागज है जरूरी
- शादी से जुड़ी फोटो
- आधार कार्ड
- वोटर कार्ड
- पैन कार्ड
- शादी का कार्ड
आनलाइन भी रजिस्ट्रेशन
अब दंपति का विवाह रजिस्ट्रेशन आन लाइन भी हो सकता है। इसके लिए पति पत्नी का आधार कार्ड के साथ उनके मोबाइल नंबर जुड़े हो। वहां सूचनाओं के सत्यापन के बाद विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र का आन लाइन प्रिंट निकाल सकते है। मोबाइल के साथ आधार कार्ड न जुड़े होने पर पति पत्नी दोनों को विवाह पंजीकरण अधिकारी के सामने पेश होना पड़ेगा।
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विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए कोई आदेश नहीं आया है। अभी हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हिंदू विवाह रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।
-संजय श्रीवास्तव, एआईजी स्टांप