- एटा में आतिशबाजी के गोदाम में धमाके में गई थी छह लोगों की जान

- शहर में भी रिहायशी इलाकों में बना दिए गए हैं गोदाम, हादसे का डर

आगरा। आवासीय इलाकों में आतिशबाजी के गोदाम हादसे का सबब बन सकते हैं। शहर से लेकर देहात तक बारूद के ढेर लगे हैं। पूर्व में आतिशबाजी के विस्फोट के चलते शहर में दर्जनों घटनाएं हो चुकीं हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार बेफिक्र हैं। हाल ये है कि जिम्मेदारों द्वारा अभी तक कोई चेकिंग अभियान तक की जरूरत नहीं समझी गई। बता दें, 22 सितम्बर को एटा के मिरहची में आतिशबाजी में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी।

गोदामों में पटाखों का स्टॉक

दीवाली नजदीक आते ही गोदामों में पटाखों का स्टॉक करना शुरूकर दिया गया है। देहात क्षेत्र में बड़ेस्तर पर आतिशबाजी बनाने का काम भी जारी है। लेकिन, प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

जिले में इन स्थानों पर बनते हैं पटाखे

थाना एत्मादपुर के गांव रायपुर में लायक सिंह, धनपाल, रामप्रकाश, उदयवीर सिंह के यहां पटाखे बनते हैं। इसके अलावा एत्मादपुर के ही धौर्रा गांव में दिनेश सिंह, राममूर्ति, नेत्रपाल, राजाचन्द, शहाबुद्दीन, रामचरण, सुखराम सिंह के अलावा गांव समाई के अनिल कुमार जैन का पटाखे का गोदाम है। थाना बरहन के गांव नगला राय में विपतीराम के यहां काम होता है। थाना खंदौली के पैतखेड़ा गांव में नब्बो खां, गांव नादऊ में राकेश कटारिया, नादऊ के नीरज कुमार का कमला नगर में गोदाम है। थाना अछनेरा के रायभा में दाऊदयाल के यहां कठवारी रोड पर 10 कमरों का गोदाम है। रायभा अछनेरा रोड पर गोविन्द प्रसाद अग्रवाल का बड़ा गोदाम है। इसी रोड पर भारत मित्तल व दिनेश का भी गोदाम है। छह पोखर गांव में बाबू खां के घर पटाखे बनाए जाते हैं। कल्लू किरावली में आतिशबाजी का काम करता है। थाना जैतपुर के गांव पहाड़पुर में पंक्षी पुत्र छोटे खां के घर पटाखे बनाए जाते हैं। थाना डौकी क्षेत्र में पैतीखेड़ा गांव में अकबर खां , छोटे खां और अजीज के यहां पटाखे बनाए जाने का काम होता है।

सिटी में यहां है पटाखे का बड़ा स्टॉक

थाना कोतवाली के रावतपाड़ा निवासी दाऊदयाल, जगदीश और मुकेश कुमार के यहां पटाखे के बड़े गोदाम हैं। थाना नाई की मंडी में ललित कुमार अग्रवाल का नाई की मंडी में गोदाम है। रकाबगंज थाना क्षेत्र में मेन गेट पथवारी में नरेन्द्र अग्रवाल का गोदाम है। हरीपर्वत क्षेत्र में सब्जी मंडी घटिया में विशाल बंसल की होल सेलर की दुकान है। न्यू आगरा क्षेत्र के शीतला रोड पर श्रीमती कुसुम दुबे व लालता ट्रेडर्स का गोदाम है। शाहगंज थाना क्षेत्र के आजमपाड़ा में चमन मंसूरी का गढ़ी दौलता में कारखाना, लोहामंडी जयपुर हाउस में ओमप्रकाश का गोदाम है। मंटोला में मनोज जैन का गोदाम है। थाना छत्ता के फ्रीगंज में राजेश गुप्ता, पीपलमंडी रोड पर गुलाब चंद जैन, भैरों बाजार में श्यामलाल शर्मा का गोदाम है।

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किसकी है जिम्मेदारी

दशहरा और दीपावली पर प्रशासन द्वारा आतिशबाजी की दुकानों का आवंटन तो कर दिया जाता है, लेकिन जिम्मेदारों को कभी ये देखने की फुर्सत नहीं मिलती कि जिन कारखानों में इसका निर्माण हो रहा है। वहां मानकों का अनुपालन हो रहा है या नहीं।

जिले में आतिशबाजी लाइसेंस धारक

35 (करीब)

जिले में शस्त्र लाइसेंस की दुकान

27

अब तक हुई आतिशबाजी की घटनाओं पर एक नजर

1- 15 सितम्बर 2014 को एत्मादपुर के धौर्रा में मोमबत्ती से आतिशबाजी की पैकिंग करते समय जबरदस्त धमाका हुआ, जिसमें मकान की छत हवा में उड़ गई। एक महिला की मौत हो गई। तमाम लोग घायल हो गए।

2- 11 नवंबर 2015 को एत्मादपुर रोड पर एक मैजिक में अतिशबाजी का बोरा रखते समय जबरदस्त विस्फोट हुआ। इसमें फीरोजाबाद के तीन लोगों के चिथड़े उड़ गए। नौ लोग हताहत हुए। ये आतिशबाजी भी धौर्रा से खरीदी गई थी।

3- 28 अप्रैल 2016 को यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक टैंकर में जबरदस्त विस्फोट हुआ। इसमें आतिशबाजी लदी हुई थी।

4- 4 अप्रैल 2015 को बालूगंज में एक मकान में विस्फोट हुआ। इसमें मकान जमींदोज हो गया। मकान मालिक की तीन बेटियों की मौत हो गई।

5- 20 सितम्बर 2016 को एत्माद्उद्दौला के शाहदरा में एक बारूद की फैक्ट्री में आग लग गई। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। दो वर्ष पूर्व इस फैक्ट्री में धमाका हुआ था। इसमें मकान की छत उड़ गई थी।

6- 8 अक्टूबर 2017 को नाई की मंडी धाकरान चौराहे पर स्कूटी में विस्फोट, दो लोगों की मौत।

7 18 अक्टूबर 2017 को रुनकता में संजीव के पटाखा गोदाम में आग। दो बच्चों की मौत।

नहीं करते निरीक्षण

एत्मादपुर के नगला खरगा और धौर्रा में बड़े पैमाने पर आतिशबाजी बनाने का काम किया जाता है। पिछले पांच वर्षो में आतिशबाजी के विस्फोट से 90 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां सात लोगों के नाम से लाइसेंस हैं। इसमें तीन-चार लोगों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन पूरे गांव में आतिशबाजी बनाए जाने का काम होता है। जिम्मेदार कभी निरीक्षण करने भी नहीं जाते हैं।

वर्जन

आवासीय इलाकों में जितने भी पटाखा और आतिशबाजी के गोदाम हैं, उनका निरीक्षण करवाया जा रहा है। सभी को आवासीय इलाकों से हटवाया जा रहा है। आवासीय इलाकों में इनको संचालित नहीं होने दिया जाएगा।

केपी सिंह एडीएम सिटी प्रभारी आयुध