मुख्य सचिव ने कहा: मेनडेटरी है अफसरों के लिए ब्योरा देना

-आरटीआई में हुआ है खुलासा 72 पीसीएस अफसरों ने नहीं बताई संपत्ति

-पीसीएस अधिकारियों के लिए भी शासन करेगा ऑनलाइन सिस्टम

DEHRADUN: संपत्ति का ब्योरा देने की जरूरत न समझने वाले पीसीएस अफसरों को लेकर शासन गंभीर है। आई-नेक्स्ट की खबर का शासन ने संज्ञान लिया है। पीसीएस अफसरों को चेतावनी जारी की जा सकती है। हालांकि इससे पहले, शासन अपने स्तर से भी सारे तथ्यों की जानकारी करेगा। शासन पीसीएस अफसरों के लिए आईएएस अफसरों की तरह ही ऑनलाइन सिस्टम डेवलप करेगा। आईएएस अफसर ऑनलाइन ही अपनी संपत्ति का ब्योरा देते हैं। पीसीएस अफसरों के लिए ऐसी व्यवस्था अभी डेवलप नहीं हो पाई है।

आरटीआई ने सामने रखी थी हकीकत

काशीपुर निवासी आसिम अजहर ने आरटीआई के तहत इस पूरे मामले में पीसीएस अफसरों के रवैये को सामने रखा था। इस खबर को आईनेक्स्ट ने क्भ् नवंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में कार्यरत क्ख्9 पीसीएस अफसरों में से 7ख् ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। जबकि इसके लिए अंतिम तिथि फ्क् जुलाई ख्0क्म् कब की निकल चुकी है।

-अपनी संपत्ति का विवरण देना हर पीसीएस अफसर के लिए मेनडेटरी है। इससे तो बचा ही नहीं जा सकता। उनके खिलाफ चेतावनी जारी करने का पूरा आधार है। सारी चीजों को देखा जाएगा। हम पहले से ये कोशिश कर रहे हैं कि पीसीएस अफसरों के लिए भी ऑनलाइन सिस्टम डेवलप कर दिया जाए, ताकि इस तरह की स्थिति पेश न आए।

शत्रुध्न सिंह, मुख्य सचिव

-लोक सेवकों को अपनी संपत्ति का ब्योरा जरूर देना चाहिए। यह उनकी सेवा नियमावली के अनुसार, अनिवार्य भी है। ऐसा नहीं किया जा रहा है, तो सरकार को देखना चाहिए और उचित कार्रवाई अमल में लानी चाहिए।

-प्रकाश पंत, पूर्व कैबिनेट मंत्री।

-पीसीएस अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्योरा अनिवार्य और समयबद्ध तरीके से देना चाहिए। ऐसा नहीं किया गया है, तो यह सेवा नियमावली का उल्लंघन है। इस पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

-विनोद नौटियाल, पूर्व एडवोकेट जनरल।

-पारदर्शिता के लिए संपत्ति का ब्योरा दिया जाना बेहद जरूरी है। फिर चाहे कोई अफसर हो या राजनेता। इस पूरे मामले को तथ्यों की जानकारी करके दिखवाया जाएगा। सरकार पारदर्शी शासन के लिए संकल्पबद्ध है।

राजकुमार, संसदीय सचिव।