नीलामी करने वाली संस्था क्रिस्टीज़ से मुताबिक संविधान की ये प्रति 1789 में छपी थी और उसमें जॉर्ज वाशिंगटन की लिखी टिप्पणियाँ भी हैं। उम्मीद की जा रही थी कि 223 वर्ष पुरानी इस किताब की बिक्री से करीब 10 करोड़ रुपए मिलेंगे, लेकिन नीलामी के कारण इसकी कीमत में उछाल आ गया।

इतिहासकारों के अनुसार जॉर्ज वाशिंगटन की टिप्पणियाँ इसे इतना बहुमूल्य बनाती हैं। उनके मुताबिक राष्ट्रपति को पता था कि वो भविष्य के राष्ट्रपतियों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं। चमड़े की जिल्द वाली इस किताब की हालत बहुत अच्छी है और इस पर जॉर्ज वॉशिंगटन परिवार की निशानी भी छपी है। इस प्रति में अमरीकी कांग्रेस के पहले अधिनियम शामिल हैं। इनमें सरकार के विभिन्न अंग जैसे राज्य, न्यायालय, सुरक्षा और राजकोष विभागों की स्थापना से जुड़े अधिनियम शामिल हैं।

घर की ओर अग्रसर

नीलामी के दौरान बोली लगाने वाले दो अज्ञात लोगों के बीच काफ़ी देर तक इस किताब को हासिल करने के लिए लड़ाई होती रही। आखिरकार माउंट वर्नॉन लेडीज़ एसोसिएशन ने इसे 9,826,500 डॉलर में खरीदा। एसोसिएशन प्रवक्ता ऐन बुकआउट ने पत्रकारों को बताया, “ये बेहद रोमांचक दिन है। हम रोमांचित हैं कि हम इस असाधारण किताब को वापस माउंट वर्नान ला पाए हैं.”

माउंट वर्नॉन लेडीज़ एसोसिएशन एक निजी, बिना फायदे की संस्था है। संस्था के मुताबिक संविधान की प्रति 2013 में खुलने वाले नई राष्ट्रपति पुस्तकालय का हिस्सा होगी। राष्ट्रपति वाशिंगटन के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई इस किताब का जिल्द न्यूयॉर्क के थॉमस ऐलन ने तैयार किया था।

उन्होंने अमरीका के पहले सचिव थॉमस जेफरसन और एटॉर्नी जनरल जॉन जे के लिए भी विशेष प्रतियाँ तैयार की थी। जॉर्ज वाशिंगटन की मृत्यु के बाद ये किताब कई सालों तक माउंट वर्नान पुस्तकालय में रखी रही। वर्ष 1876 में नीलामी के बाद ये एक निजी संग्रह में चली गई। इसे दोबारा 1964 में बेच दिया गया।

जॉर्ज वाशिंगटन ने अमरीका की स्वतंत्रता के लिए लड़ी गई लड़ाई में महाद्वीप की सेना का प्रतिनिधित्व किया था और फिर उन्हें अमरीका का पहला राष्ट्रपति चुना गया। दो बार राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अपने तीन वर्ष माउंट वर्नान में गुजारे। उनकी मृत्यु 1799 में हुई।

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