- लॉकडाउन में मॉल, रेस्तरा, फैक्ट्रियां व ज्यादातर दुकानें बंद

- सामान्य दिनों में डेली निकलता है 600 मीट्रिक टन, अब घटकर 250 मीट्रिक टन कूड़ा

GORAKHPUR: लॉकडाउन मे मॉल, रेस्टोरेंट, फैक्ट्रियां और ज्यादातर दुकानें बंद हैं। इससे कारोबार को नुकसान जरूर हो रहा है, लेकिन यह सब पर्यावरण के लिहाज से बेहतर साबित हो रहा है। लॉकडाउन में आबोहवा सुधरने के साथ शहर में कूड़ा भी कम निकलने लगा है। पिछले 16 दिन से राप्तीनगर के एकला बंधे में आम दिनों के मुकाबले लगभग 25 फीसदी कम कूड़ा पहुंच रहा है। इससे साफ है कि शहर में गंदगी कम हो रही है, जिसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है।

600 मीट्रिक टन निकलता है कूड़ा

शहर के ज्यादातर वार्डो से कूड़ा उठवाने वाले जिम्मेदारों के मुताबिक आम दिनों में सिटी से करीब 600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इसमें गीला और सूखा दोनों तरह का कूड़ा होता हैं। सबसे ज्यादा कूड़ा होटल, रेस्टोरेंट और पिज्जा बर्गर वाले सेंटर्स से निकलता है। लेकिन लॉकडाउन में सब बंद पड़े हैं। इस वक्त घरों के अलावा बाकी कहीं से भी कूड़ा नहीं निकल रहा। ऐसे में यह आंकड़ा घटकर तकरीबन 250 मीट्रिक टन पहुंच गया है।

डीजल खपत भी घटी

महानगर से कम कूड़ा निकलने से नगर निगम का डीजल भी बच रहा है। नगर निगम के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक कूड़ा कम होने से ट्रकों को एकला बंधा के लिए कम चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ऐसे में निश्चित ही डीजल के खपत में कमी आएगी। अनुमान के अनुसार इससे नगर निगम को करीब 20 परसेंट का लाभ होना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक शहर में कूड़ा कम निकलना अच्छी बात हैं। सप्लाई और प्रॉडक्शन चेन दोनों बंद होने से पर्यावरण पर सकरात्मक असर पड़ेगा। मध्यम और लघु उद्योग बंद हांने का भी फायदा होता है। यहां तक कि राप्ती नदी का पानी भी बहुत साफ हो गया है। सरकार को चाहिए कि इसका ऑडिट करवाए1 कई जगह पहले डबल पैकिंग होती थी1 इस पर आगे भी रोक लगानी चाहिए।

घरों में सभी लॉक हुए तो एक्यूआई का लेवल डाउन

लॉकडाउन के बीच शहर की हवा भी साफ हुई है। लोग घरों के भीतर है। छोटी और बड़ी फैक्ट्रियां बंद हैं। गाडि़यां इक्का-दुक्का चल रही हैं। ऐसे में पार्टिकुलेट मैटर के साथ नाइड्रोजन ऑक्साइड गैसों और ओजोन के स्तर में रिकॉर्ड गिरावट आई हैं। विशेषज्ञों की मानें तो शहर का एक्यूआई इस समय 60 से 65 दर्ज की गई हैं जो कि संतोषजनक है। कमोबेश यही स्थिति लॉकडाउन के दौरान पूरे देश की है। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद शहर की एक्यूआई में सुधार हुआ था। इसके बाद कुछ दिन एक्यूआई खराब स्थिति में रही, लेकिन बीते कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता संतोषजनक है।

-आम दिनों में सिटी से निकलता है कूड़ा--600 मीट्रिक टन

-डेली एकला बंधा पर गिराया जाता है कूड़ा --350--300 मीट्रिक टन

- इस वक्त एकला बंधे पर गिराया जा रहा कूड़ा - 250 मीट्रिक टन

-नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण का अभी तक नहीं है व्यवस्था

लॉकडाउन के बाद से ही शहर का कूड़ा काफी कम हुआ है। सबसे ज्यादा मार्केट, मॉल, छोटी इंडस्ट्री, होटल और रेस्टोरेंट बंद होने से निश्चित ही शहर में कूड़ा कम हुआ है। मौजूदा समय में इसमें 20 से 25 फीसदी तक कमी आई हैं।

अंजनी कुमार सिंह, नगर आयुक्त