RANCHI: राजधानी में सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद हमारा शहर पूरी तरह से साफ नहीं हो पा रहा है। मुख्य सड़कों की सफाई कर नगर निगम सफाई का दावा कर रहा है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। स्थिति यह है कि कूड़ा लेकर गाड़ी के इंतजार में खड़े रहते हैं और गाड़ी दूर से ही निकल जाती है। ऐसे में उनके घर से निकलने वाला कूड़ा घर में ही पड़ा रह जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतना टैक्स भरने के बाद भी पब्लिक को साफ और स्वच्छ शहर कब मिलेगा? बताते चलें कि शहर की सफाई को लेकर नगर निगम के रवैये पर जनप्रतिनिधि भी सवाल उठा चुके हैं। इसके बावजूद व्यवस्था सुधारने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।

वेस्ट यूजर चार्ज तय

वेस्ट कलेक्शन के लिए हर महीने का नगर निगम ने वेस्ट यूजर चार्ज तय कर दिया है। इसके तहत छोटे घरों के लिए 50 रुपए और बड़े घरों के लिए 80 रुपए चार्ज तय हैं। इसके अलावा दुकान, अपार्टमेंट, मॉल के अलावा अन्य जगहों के लिए भी रेट फिक्स है। इसके तहत नगर निगम की ओर से तय की गई एजेंसी चार्ज वसूलने आती है। लेकिन लोगों के घरों और दुकानों से रेगुलर कचरा नहीं उठ रहा।

कचरा उठाने वाली गाडि़यों का जिंगल तो सुनाई देता है। लेकिन गाडि़यां दूर तक नजर नहीं आती। काफी देर तक घर के बाहर कूड़ा लेकर खड़े रहते हैं। इसके बाद भी जब गाड़ी न आए तो क्या कहें।

दीपक राणा

डोर टू डोर कलेक्शन की बात नगर निगम करता है। इसके लिए एजेंसी को भी काम दिया गया है। वहीं कुछ वार्ड में तो आजतक रिक्शा और ट्रैक्टर से ही कलेक्शन होता है। इससे पूरा कवर नहीं हो पाता।

पवन

कचरे को उठा लिया जाता तो शहर में कहीं गंदगी नहीं होती। लेकिन रेगुलर कचरा उठाया ही नहीं जाता तो स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। घर में ही हमें कचरा रखना मजबूरी है। आखिर रेगुलर कचरा उठाने की व्यवस्था कौन देखेगा।