RANCHI: राजधानी की सफाई व्यवस्था पिछले दस दिनों से बेपटरी हो चुकी है। आरएमएसडब्ल्यू के अधिकारियों से वार्ता के बाद एजेंसी के स्टाफ्स काम पर लौट आए थे। लेकिन पेमेंट नहीं दिए जाने को लेकर गुरुवार को मोरहाबादी और खेलगांव एमटीएस के स्टाफ्स ने फिर से भूख हड़ताल कर दी। इस दौरान दो दर्जन वार्डो में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन ही नहीं हो सका। बताते चलें कि एजेंसी के स्टाफ्स को ढाई महीने से पेमेंट ही नहीं दिया गया है।

एजेंसी को मिला बकाया

रांची नगर निगम ने आरएमएसडब्ल्यू को 74 लाख रुपए का बकाया भुगतान कर दिया। इससे एजेंसी ने पेट्रोल पंप को डीजल का भुगतान तो किया, लेकिन स्टाफ्स को उसमें से एक रुपया भी नहीं दिया गया। इसके बाद एजेंसी के ड्राइवर और स्टाफ्स ने हड़ताल पर जाने का मन बनाया हालांकि एजेंसी से आश्वासन मिलने के बाद स्टाफ्स ने दोपहर में भूख हड़ताल खत्म कर दी।

हड़ताल पर ही मिलता है पेमेंट

एजेंसी के लिए काम करने वाले स्टाफ्स की मानें तो हर बार अधिकारी टाइम से पेमेंट देने का आश्वासन देते हैं। लेकिन आजतक कभी भी टाइम से पेमेंट नहीं किया गया है। जब हड़ताल की जाती है तो उन्हें तत्काल पेमेंट मिलता है।

वर्जन

एजेंसी अब काम नहीं करना चाहती। इसलिए कभी पेमेंट तो कभी कुछ को लेकर काम ठप हो जाता है। इस बार एजेंसी को हटाने को लेकर स्पेशल बैठक बुलाई गई है।

डॉ। किरण कुमारी, असिस्टेंट हेल्थ आफिसर, आरएमसी

नगर निगम से पेमेंट नहीं मिलने के कारण हम सफाई करने वालों को पेमेंट नहीं दे पाते। हम कोशिश करते हैं कि स्टाफ्स को टाइम से पेमेंट मिले।

रूपभ श्रीवास्तव, ऑपरेशन मैनेजर, आरएमएसडब्ल्यू