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VARANASI

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गर्मी बस शुरू होने वाली है, इसके साथ ही शुरू होगी पानी की भीषण किल्लत। जलकल की लापरवाही के चलते शहरी इलाकों में अभी भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। आने वाले दिनों में जल संरक्षण के लिए ठोस प्लानिंग नहीं होने के कारण इस साल गर्मी में वाटर इमरजेंसी के हालात बन सकते हैं। पेयजल सप्लाई की पाइपों में तीन सौ से अधिक लीकेज की शिकायतें हैं। इससे प्रतिदिन 80 एमएलडी पानी बर्बाद हो रहा है। शहर की तीस लाख आबादी को प्रतिदिन ख्7म् एमएलडी पानी की जरूरत है, लेकिन ख्ख्भ् एमएलडी पानी की आपूर्ति हो रही है। यानी जलकल की लापरवाही के कारण शहर की पांच लाख आबादी पानी संकट से जूझ रही है। अगर यही स्थिति रही तो मई-जून के महीने में यह संख्या काफी ज्यादा बढ़ सकती है।

गिरता जा रहा भूजल स्तर

भूजल स्तर से तेजी से नीचे गिर रहा है। जल संरक्षण को लेकर सरकार जागरूकता अभियान चला रही है। पानी बर्बाद करने वालों के खिलाफ सरकार कड़े कानून बनाने की बात कर रही है, लेकिन जलकल अफसरों को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है। हर रोज लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। जलकल अफसर कार्यालय छोड़कर बाहर निकले तो शायद उन्हें हकीकत सामने दिखाई पड़े।

कई बार हुआ शिकायत

गर्मी शुरू होने के साथ शहर में पेयजल संकट गहराने लगता है। इससे पहले जलकल संस्थान को पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए, लेकिन तैयारी कौन करें, यहां तो लीकेज भी बंद नहीं कर पा रहे हैं। नगर निगम और जलकल के कंट्रोल रूम में आए दिन तीन सौ से अधिक पाइप लाइन लीकेज की शिकायतें आ रही हैं। शिकायत आने के साथ क्षेत्र के जेई को मोबाइल पर एसएमएस या व्हाट्सअप से अवगत कराया जाता है, लेकिन समय से अभियंता लीकेज को सही नहीं कराते हैं जिससे पानी बर्बाद होने के साथ सड़क खराब होती है।

ट्रांस वरुणा की स्थिति खराब

ट्रांस वरुणा एरिया में लोगों के घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए सारनाथ में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गया है। जल निगम के अफसरों और ठेकेदारों ने योजना का पलीता निकाल दिया। पुरानी पाइपलाइन में पानी का कनेक्शन जोड़ दिया, नतीजा यह हुआ कि आए दिन जगह-जगह पाइप लाइन लीकेज करने के साथ सड़क पर पानी बहता रहता है। सड़कें बर्बाद होने के साथ आवागमन बाधित होता है लेकिन इन अफसरों के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। वे पाइपलाइन लीकेज को तीन से चार दिन बाद बनाने पहुंचते हैं, तब तक सड़कें बर्बाद हो जाती है। राहगीरों को परेशानी अलग से होती है।

-ख्7म् एमएलडी पानी की शहर में प्रतिदिन मांग

-ख्ख्भ् एमएलडी पानी की हो रही आपूर्ति

-भ्क् एमएलडी की आपूर्ति कम होने

0भ् लाख आबादी को नहीं मिल रहा पानी

-80 एमएलडी पानी हर दिन हो रहा बर्बाद

-फ्00 से अधिक लीकेज हैं पेयजल पाइप लाइन में

वर्जन

शहर की आबादी के हिसाब से पेयजल की सप्लाई का प्रयास किया जाता है। लेकिन पुरानी पाइप लाइन में लीकेज की शिकायतें आ रही हैं। इसके चलते पानी बर्बाद हो रहा है। हालांकि सूचना मिलने के साथ उसे दुरुस्त किया जा रहा है।

-नीरज गौंड, महाप्रबंधक जलकल