--47 साल पुरानी पाइपलाइन से हो रही जलापूर्ति

--देर शाम वाटर सप्लाई नॉर्मल होने की उम्मीद

रांची : बूटी पाइपलाइन में लीकेज की समस्याएं अक्सर सामने आती है, जिसके कारण संबंधित इलाकों में लोगों को दो-तीन दिनों तक पानी नहीं मिल पाता। इसका असर लोगों की दिनचर्या पर पड़ता है। बूटी पाइपलाइन में लीकेज के कारण मंगलवार को लगातार तीसरे दिन शहर की आधी से अधिक आबादी को पानी नहीं मिला। कार्यपालक अभियंता के मुताबिक बुधवार देर शाम तक ही सप्लाई संभव है। यानी बुधवार दिनभर लोगों को पानी की किल्लत होगी।

प्रेशर के कारण लीकेज

इधर, कार्यपालक अभियंता पीके सिंह से जब इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 47 साल पुरानी पाइपलाइन है। पानी के प्रेशर के कारण लीकेज हो जाती है। हम क्या करें? हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जेएनयूआरएम के तहत बन रही नई पाइपलाइन अगले साल से शुरू होने की उम्मीद है। इससे पिस्का मोड़ व रातू रोड इलाके के लिए वैकल्पिक लाइन तैयार हो जाएगी।

इन इलाकों में नहीं पहुंचा पानी

मंगलवार को रातू रोड़, जिला स्कूल, बरियातू, हिन्दपीढ़ी, मेन रोड, पिस्का मोड़, रातू, कोकर, बूटी मोड़, लालपुर, कांटाटोली, नामकुम समेत बूटी जलागार से आपूर्ति वाले इलाके में नहीं पहुंचा पानी।

पानी खरीद कर चलाया काम

लगातार तीसरे दिन वाटर सप्लाई नहीं होने से लोगों को पानी खरीद कर काम चलाना पड़ा। पिस्का मोड़ के कुछ इलाकों में लोग अधिक परेशान दिखे। पानी खरीद कर अपनी जरूरतें पूरी करनी पड़ी। तीन दिन से लगातार पानी नहीं आ रहा। जिनके घरों में बो¨रग है उनकी भी परेशानी कम नहीं रही। इनका कहना है कि इस इलाके में जल स्तर काफी नीचे चला गया है। बरसात के बाद भी वाटर लेवल बेहतर नहीं है। मंगलवार को जब मोटर चलाया गया तो बो¨रग से पानी की जगह मिट्टी और बालू निकलने लगा। ऐसे में लोगों को जार का पानी खरीदना पड़ा। कुछ सार्वजनिक टंकियों से पानी ढोते रहे।

मरीजों पर भी थोड़ी तरस खाते

पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण रिम्स के वार्डो में मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई ओटी में भी पानी नहीं मिलने से परेशानी हुई। साथ ही कई ऑपरेशन भी बाधित हुए। इसके अलावा मरीज के परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

तीन लीकेज ठीक करने में 88 घंटे

रविवार सुबह 5 बजे बूटी पाइपलाइन में हुए तीन लीकेज को दुरूस्त करने में विभाग को 88 घंटे लग गए। रविवार सुबह लीकेज की मरम्मत के लिए शुरू हुआ काम मंगलवार देर रात 8 बजे तक चलता रहा। वहीं इस दौरान कार्यपालक अभियंता भी वहां बैठे रहे। तीन में से दो लीकेज की मरम्मत सोमवार शाम तक हो गई थी। लेकिन बीएसएनएल ऑफिस के सामने क्रैक पाइप को हटाकर उसकी जगह नई पाइप सेट करने में मामला फंस गया। कॉलर फिटिंग नहीं होने के कारण बार-बार गैस कटर से पाइप को काटा जाता रहा और सेट करने का प्रयास किया जाता रहा।

नई पाइप को सेट करने में हुई परेशानी

सोमवार के बाद मंगलवार को भी पाइप सेट करने में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 1.5 फीट लंबे पाइप सेट करने में काफी परेशानी हुई। इसे कई बार सेट करके वापस निकालना पड़ा। दरअसल, इस दौरान कॉलर फीटिंग में सबसे अधिक समस्या हुई।