- 80 वार्ड हैं कुल सिटी में

- 40 वाटर टैंक्स हैं शहर में

- 122 मोहल्लों में होती है पानी की सप्लाई

- 09 टैंक्स से हो रही गंदे पानी की सप्लाई

- 14 एरिया में पहुंच रहा दूषित पानी

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- डेढ़ साल से नौ ओवर हैड टैंक्स की नहीं हुई है साफ सफाई

- रोज सैकड़ों घरों में पहुंच रहा है गंदा और बदबूदार पानी

बरेली : सिटी के सैकड़ों परिवार गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। दरअसल नौ वाटर टैंक में सिल्ट जमा हो जाने से 14 मोहल्लों के घरों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। पिछले डेढ़ साल से इन ओवर हैड वाटर टैंक की साफ-सफाई न होने से सिल्ट जमा हो गई है। हालांकि नगर निगम के जलकल डिपार्टमेंट ने यह मानने से इनकार करते हुए साल में दो बार वाटर टैंकों की सफाई कराने का दावा किया। साथ ही कहा कि गंदे पानी की शिकायत आई तो जांच कराई जाएगी।

गैलेक्सी इंटरप्राइजेज को मिला ठेका

जलकल विभाग हर साल वाटर टैंक्स की सफाई के लिए ई-टेंडर निकालता है। इस बार डिपार्टमेंट ने गैलेक्सी इंटरप्राइजेज को टैंक्स की सफाई का टेंडर दिया है। इसकी जिम्मेदारी वाटर टैंक्स में जमी सिल्ट की सफाई कर उसकी रिपोर्ट विभाग को सौंपना है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने नौ वाटर टैंक्स की सफाई डेढ़ साल में नहीं की है।

इन जगहों पर हैं वाटर टैंक

बरेलियंस को शुद्ध पानी देने के लिए जलकल विभाग ने सिविल लाइन्स, जुबली पार्क, घेर जाफर खां, जगतपुर, राजकीय इंटर कॉलेज, सीआई पार्क, माडल टाउन, डीडीपुरम, पटेलनगर, फतेह बगिया, हार्टमेन, बाकरगंज, सुभाषनगर, विश्वनाथ पुरम, सीबीगंज, सुरेशशर्मा नगर, आवास-विकास, कर्मचारी नगर, वीरभट्टी, वनखंडीनाथ, वीरसावरकर नगर, संजयनगर, सनौआ, रामगंगा नगर योजना, लोहिया विहार, शिव गार्डेन, हरुनगला, रहपुरा चौधरी, मुंशीनगर, पवन विहार, मढ़ीनाथ और स्वालेनगर में 3000 लीटर की क्षमता वाले वाटर टैंक बनाए गए हैं।

यहां नहीं हुई सफाई

जलकल विभाग साल में दो बार वाटर टैंकों की सफाई करवाता है। पानी में एलम, फिटकरी और क्लोरीन डालकर उसका ट्रीटमेंट होता हैं। फिर सिल्ट और अन्य अशुद्धियों की सफाई कर घरों में पानी की सफाई की जाती है। डेढ़ साल से कर्मचारीनगर, वीरभट्टी, वनखंडीनाथ, वीरसावरकर नगर, संजयनगर, सनौआ, रामगंगा नगर योजना, लोहिया विहार और शिव गार्डेन के वाटर टैंक्स की सफाई नहीं हुई। इस वजह से कालीबाड़ी, सिकलापुर, फाल्तूनगंज, सुभाषनगर, माधोबाड़ी, एकतानगर समेत 14 मोहल्लों में कई दिनों से दूषित पानी आ रहा है। हालत यह है कि सुभाषनगर सहित कई जगहों पर पाइप लाइन टूटी होने से संक्रमित पानी भी लोगों के घरों में पहुंच रहा है।

वर्जन

कई सालों से क्षेत्र में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। पार्षदों से भी शिकायत की मगर उनकी समस्या हल नहीं हुई।

हरीश, बग्गा कॉलोनी, सुभाष नगर

दिन में दो बार पानी की सप्लाई आती है। रोजाना पानी के साथ काई भी आ रही है। इस वजह से पानी खरीदना पड़ता है।

रमेश मिश्रा, अनुपम नगर

कभी-कभार सप्लाई में जोंक भी निकलती है। नगर निगम में इसकी शिकायत की गई। मगर हालात जस के तस हैं।

आदेश कुमार, अवधपुरी कॉलोनी

रोस्टर के मुताबिक वाटर टैंकों की सफाई होती है। वाटर टैंक से गंदे पानी की सप्लाई नहीं हो रही। शिकायतों को देखते हुए जांच कराई जाएगी।

ईश शक्ति सिंह, अपर नगर आयुक्त

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इसलिए सफाई है जरूरी

फिजीशियन डॉ। वर्गीश वैश्य का कहना है कि वाटर टैंक की सफाई नहीं होने से दीवारों पर धीरे-धीरे मिट्टी की मोटी परत जमा हो जाती है। इस मिट्टी में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। जब लोग ये दूषित पानी पीते हैं तो पेट में इंफेक्शन हो जाता है।