छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: स्टील सिटी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं दिख रही है। इससे सरकार के प्रयास फलीभूत नहीं हो पा रहे है। शहर के करीब तीन लाख घरों में से गिने चुने प्रतिष्ठानों और घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बने हैं। शहर में ग्राउंड वाटर की स्थित दयनीय होने से सरकार भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए टैंक बनाने पर जोर दे रही है। शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग में जेएनएसी अधिकारियों निकाय के 70 संस्थानों को नोटिस जारी कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि टैंक नहीं बनाने वाले प्रतिष्ठानों से समन शुल्क वसूला जाएगा। जुगसलाई अक्षेस के स्पेशल अफसर सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पुरानी बिल्डिंगों में टैंक नहीं बने हैं। जिसके लिए होल्डिंग टैक्स लिया जाएगा वहीं नई बिल्डिंगों में टैंक बनाये जा रहे हैं। शहर के मानगो अक्षेस के स्पेशल आफिसर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि लोगों में जागरूकता की कमी के चलते अभी क्षेत्र में टैंक कम ही बन रहे हैं। लोगों को जागरूक कर व चेकिंग अभियान चलाकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनवाएं जाएंगे।

सरकारी ऑफिसों का होगा सर्वे

शहर में पीने के पानी की समस्या को देखते हुए तीनों निकायों को उनके क्षेत्र में आने वाले सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक है या नहीं इसका सर्वे करके भेजना है। जेएनएसी के अधिकारियों ने बताया कि तीन से चार दिन में सर्वे कर सभी कार्यालयों की सूची सौंप दी जाएगी। सरकार लोगों के साथ ही सरकारी कार्यालयों में बारिश का पानी बर्बाद होने के चलते टैंक बनाकर छतों के पानी को स्टोर करेगी, जिससे ग्राउंड वाटर का लेबल बढ़ेगा।

टैंक नहीं बनाने पर जुर्माना

शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक नहीं बनाने वाले लोगों पर सरकार जुर्माना करेगी। जुगसलाई अक्षेस के स्पेशल ऑफिसर सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि हाउस होल्डिंग की तरह टैंक न बनाने वाले लोगों पर भी सरकार समन शुल्क वसूल करेगी। इसका मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लोगों को टैंक बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। टैंक नहीं बनाने वाले लोगों पर जुर्माना वसूला जाएगा।