- गर्मी आते ही मंडराया संक्रामक रोगों का खतरा, प्रदूषित पानी से हो रही बीमारियां

- नौ दिनों में महज तीन दिन चला अभियान, फेल हो गए सात सैंपल

ALLAHABAD:

गर्मी आते ही संक्रामक बीमारियां फैल फैलाने लगी हैं। कई इलाकों में प्रदूषित पानी की सप्लाई की जा रही है। लोग डायरिया, पीलिया जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं गंदे पानी से बचाने के लिए शुरू किया गया अभियान फुस्स हो गया है।

महज तीन दिन हुई जांच

स्वास्थ्य विभाग और जलकल विभाग की टीम ने जांच अभियान शुरू किया, लेकिन यह जोर नहीं पकड़ पा रहा है। नौ दिन में केवल तीन दिन ही टीम पानी की जांच के लिए निकली है, जिसकी वजह से दूसरे तमाम इलाकों में लोगों गंदा पानी पीना पड़ रहा है।

यहां पर मिला गंदा पानी

दो अप्रैल को हुई जांच में नुरुल्ला रोड में पानी के दो सैंपल फेल पाए गए। छह अप्रैल को डीएम ऑफिस के आसपास तीन जगह सप्लाई का पानी पीने लायक नहीं पाया गया। इसी क्रम में सात अप्रैल को शहर पश्चिमी के करबला इलाके में भी दो सैंपल फेल हो गए। जिनकी जांच रिपोर्ट डीएम समेत कमिश्नर, जलकल विभाग के महाप्रबंधक और स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ को भेजी गई है।

इन इलाकों में अधिक खतरा

प्रदूषित पानी की सप्लाई में शहर के करेली, चकिया, बेनीगंज, राजरूपपुर, लूकरगंज, ममफोर्डगंज, तेलियरगंज, कछारी एरिया, कीडगंज, मुट्ठीगंज, दारागंज, सलोरी आदि इलाके हिटलिस्ट में हैं। यहां पर पाइप लाइन डैमेज होने, क्लोरीन मिलाने वाले डोजर बंद होने, हैंडपंप से गंदे पानी की सप्लाई आदि की शिकायत ज्यादा मिली है।

गंदे पानी से होने वाली बीमारियां

चेस्ट फिजीशियन डॉ। आशुतोष गुप्ता के अनुसार गंदे पानी से हेपिटाइटिस, हैजा, फूड प्वॉइजनिंग और दिमाग में आ जाने वाला कीड़ा यानी टेपवॉर्म जैसी बीमारियां होती हैं। लंबे समय तक गंदा पानी पीने से ल्यूकीमिया, कैंसर और प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

ऐसे करें पानी को साफ

- पानी को उबाल कर पीएं

- पीने से पहले ठंडा करके सूती कपड़े से छान लें

एक बाल्टी पानी में एक क्लोरीन की गोली मिलाकर इसका इस्तेमाल करें

एक अप्रैल से लगातार पानी की जांच की जा रही है। बीच में किसी कारणवश अभियान नहीं चल सका। गर्मी में लोगों को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए जांच रिपोर्ट शासन और प्रशासन को भेजी जा रही है।

डॉ। एएन मिश्रा, जिला संक्रामक रोग अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग