- एकेटीयू के 17वें दीक्षांत में 59 हजार स्टूडेंट्स को दी गई डिग्री

- दीक्षा सिंह ने हासिल किया चांसलर मेडल

- दीक्षांत में चीफ गेस्ट के रूप में शामिल हुए जल पुरुष राजेंद्र सिंह

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LUCKNOW: 21वीं शताब्दी के सबसे बड़े संकट के रूप में जल संकट शामिल है, इससे निपटने की क्षमता युवा पीढ़ी में है। जल संचय के क्षेत्र में सोचने का समय आ गया है। तकनीकी के दौर में आप सभी पर इसे बचाने की जिम्मेदारी है। मुझे जानकर खुशी हुई कि यूनिवर्सिटी के संबद्ध संस्थानों द्वारा ग्रामीण इलाकों को गोद लेकर विकास की पहल की जा रही है। उत्तर प्रदेश जब किसी बात की शुरुआत करता है तो देश के लिए यह पहल होती है। यूनिवर्सिटी की तरह ही इससे संबद्ध संस्थानों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य करना चाहिए। ये बातें बुधवार को जल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध मैग्सेसे अवार्ड विजेता राजेंद्र सिंह ने कही। वह एकेटीयू के 17 वें दीक्षांत में बतौर चीफ गेस्ट बोल रहे थे। दीक्षांत यूनिवर्सिटी के कैंपस के अटल बिहारी वाजपेयी बहुउद्देशीय सभागार में गवर्नर एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में हुआ। इस मौके पर जल पुरुष राजेंद्र सिंह को डी-लिट की मानद उपाधि भेंट की गई। वहीं प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहीं।

राज्यपाल के नेतृत्व में यूपी में भी शुरू होगा बदलाव

जल पुरुष ने कहा कि बुंदेलखंड के एकेटीयू से जुडे़ संस्थानों को जल्दी ही जल संकट की दिशा में पहल करनी चाहिए। उन्होंने यूनिवर्सिटी के ढाई लाख छात्रों और शिक्षकों से जल बचाने की अपील की। प्रदेश का नेतृत्व ऐसे गवर्नर के हाथों में हैं जिन्होंने गुजरात में नदियों के प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। ऐसी ही शुरुआत यूपी में भी होगी। वर्ष 1984 में राजस्थान से कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। आज वहां पानीदार हो करके लोग खेती कर रहे हैं। 12 छोटी नदियों को पिछले 36 साल में अपने कार्य से पुनर्जीवित किया है। मैंने 108 तरीके से बांध, नदियों और तालाब डिजाइन किए हैं।

59 हजार स्टूडेंट्स को बांटी गई डिग्री

दीक्षांत में 62 पीएचडी स्टूडेंट्स को उपाधि दी गई। साथ ही 66 मेधावियों को गोल्ड, सिल्वर और ब्राज मेडल दिये गये जबकि बीटेक कंप्यूटर साइंस की दीक्षा सिंह को सभी कोर्सेस में सर्वाधिक नंबर लाने पर चांसलर गोल्ड मेडल दिया गया। इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने 58699 स्टूडेंट्स को विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपाधि प्रदान की। साथ ही प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय एवं परमार्थ के 30 बच्चों को सम्मानित किया। लगभग 1184 स्टूडेंट्स दीक्षांत में शामिल हुए, जिन्हें सभागार में एक साथ उपाधि दी गई।

टीचिंग-लर्निंग में बड़ा पैराडाइम शिफ्ट हुआ है

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा गांव गोद लेने की योजना सराहनीय कदम है। परमार्थ के माध्यम से समाज के पिछड़े जनों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास अनूठा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में टीचिंग-लर्निंग में बड़ा पैराडाइम शिफ्ट हुआ है। स्किल ओरिएंटेड और प्रोडक्ट बेस्ड लर्निंग की अवधारणा मूर्तरूप ले रही है। इनोवेशन और इन्क्युबेशन इंटरप्रन्योरशिप स्वरोजगार का मुख्य उपकरण बन गये हैं। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता हुई कि यूनिवर्सिटी के द्वारा प्रोडक्ट बेस्ड लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए डॉ। कलाम सेंटर ऑफ इनोवेशन, इनक्युबेशन ऑफ स्टार्टअप के माध्यम से बेहतर आईडिया को प्रोटोटाइप में तब्दील करने के लिए प्रत्येक आइडिया को 12 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है।

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भाई पर ही दर्ज करा दिया था मुकदमा

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स से दहेज जैसे कुप्रथा को समाप्त करने का आह्वान किया। गवर्नर ने बताया कि मेरे पिता ने कभी बाल विवाह को बढ़ावा नहीं दिया। मेरे बड़े भाई ने अपने 12वीं में पढ़ रहे बेटे की शादी तय कर दी। मुझे जब पता चला तो मैं भाई के पास गई उन्हें शादी रोकने को कहा, लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। इसके बाद मैंने पुलिस से सहायता मांगी और शादी रुकवा दी। इससे मेरे भाई नाराज हो गए। यह एक्शन लेने से पहले मैंने सोचा ज्यादा से ज्यादा क्या होगा पांच साल एक साड़ी ही तो नहीं मिलेगी, लेकिन मैंने बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई।

सभी लैब का आधुनिकरण किया जा रहा है

प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी ने कहा कि यूनिवर्सिटी कैंपस में वन टाइम यूजेबल प्लास्टिक के प्रयोग को निषेध किया गया है। यूनिवर्सिटी की सभी प्रयोगशाला का आधुनिकरण कर सराहनीय कार्य किया गया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। पाठक द्वारा किये जा रहे विकास कायरें की सराहना की। एकेटीयू वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने यूनिवर्सिटी की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी ने मूक्स बेस्ड लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए दो ऑडियो, विजुअल स्टूडियो की स्थापना गई। उन्होंने कहा कि वैल्यू एजुकेशन को क्रेडिट के रूप में लागू करने वाला देश का पहला प्राविधिक विवि बना है।