-नदियों के लगातार बढ़ने का क्रम जारी, एक मीटर बढ़ा जलस्तर तो बंद हो जाएगा स्लूज गेट

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ALLAHABAD: भगवान से मनाइए कि अब यूपी और एमपी में बारिश थम जाए वरना दिक्कत हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता रहेगा। इससे जिले में बाढ़ आने के आसार प्रबल हो जाएंगे। उधर, बुधवार को दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि नहीं थमने पर प्रशासन की चिंता बढ़ गई। खासकर कछार में रहने वाले जलस्तर पर नजरें गड़ाए रहे।

इन वजहों से बढ़ रहा जलस्तर

दरअसल, उत्तराखंड से छोड़े गए पानी के साथ प्रदेश में लगातार हो रही बारिश गंगा में उफान का कारण बनी हुई है। इसी तरह मप्र की कई नदियों में आए उफान के चलते यमुना का जलस्तर भी बढ़ चला है। यही कारण है कि जानकार अब बारिश थमने की बात कर रहे हैं। ऐसा होने पर ही नदियों के बढ़ने पर ब्रेक लग सकता है। बुधवार गंगा में 21 और यमुना में 36 सेमी की जलस्तर बढ़ोतरी दर्ज की गई।

सबसे पहले बंद होगा स्लूज गेट

फिलहाल फाफामऊ में गंगा 80 मीटर के जलस्तर से महज पांच सेमी पीछे रह गई हैं। 81 मीटर जलस्तर पहुंचने पर बक्शी बांध का स्लूज गेट बंद कर दिया जाता है। जबकि 82 मीटर पर कछार के एरिया में पानी घरों तक पहुंचने लगता है। यमुना में उफान आने का सबसे ज्यादा असर गंगा पर होता है। दोनों नदियों के पानी में टकराव होने पर गंगा में बैक फ्लो होता है जिससे कछार की तरफ का मूवमेंट बढ़ जाता है।

एक नजर

79.95 मीटर गंगा का जलस्तर

21 सेमी बढ़ोतरी

78.17 मीटर यमुना का जलस्तर

36 सेमी बढ़ोतरी

84.73 मीटर खतरे का निशान

अगर बारिश नहीं हुई तो स्थिति सामान्य बनी रहेगी। क्योंकि पीछे से छोड़ा जा रहा पानी नदियों में उफान का कारण बना हुआ है। अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।

-डॉ। मनोज सिंह, अधीक्षण अभियंता, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड