10 लाख के करीब है शहर की आबादी

80 वार्ड की संख्या, पहले 70 थी, पिछले साल बढ़े

64 वार्डो में जलभराव की समस्या, निकलना भी मुश्किल

17 के करीब बड़े नाले, जिन पर अतिक्रमण

120 के करीब हैं कुल नाले, जो सफाई न होने से उफना रहे

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- बढ़ रही आबादी, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम पुराना, क्यों न हो जलभराव

- नालों पर अतिक्रमण, जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं

बरेली : शहर की बड़ी समस्या जलभराव है। हर साल की तरह इस साल भी जलभराव से जूझने के लिए तैयार रहिए। सैटरडे की बारिश से जो नजारा दिखा, वो कुछ ऐसा ही था। पता चल रहा है कि जलभराव से निपटने के लिए कोई विशेष प्लान नहीं है। केवल खानापूर्ति की जा रही है। हालात इस बार भी जस के तस हैं। स्थिति यह है कि अगर ठीक तरीके से बारिश हो गई तो शहर पानी-पानी हो जाएगा।

जलभराव के एरिया

जगतपुर

संजय नगर

हजियापुर

चक महमूद

सुभाष नगर

रबड़ी टोला

रोहिली टोला

वीर भट्टी

मढ़ीनाथ

किला

बानखाना

गुलाब नगर

सूफी टोला

खुर्रम गोटिया

सिकलापुर

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जलभराव की यह है वजह

आबादी बढ़ रही है, लेकिन ड्रेनज सिस्टम पुराना है। शहर में ज्यादातर नाले उफना रहे हैं। बारिश होते ही पानी जमा हो जाता है, जल निकासी की व्यवस्था न होने की वजह से यह जमा रहता है। नालों की सफाई नहीं की जा रही है। इससे यह ओवरफ्लो हो जाते हैं। बड़े नालों में अतिक्रमण है, इसलिए यह साफ नहीं हो पा रहे हैं।

लोगों ने किया था हंगामा

पिछले साल बारिश के मौसम में कई इलाकों में पानी इतना भर गया था कि जीना मुहाल हो गया था। पैदल निकलना मुश्किल हो रहा था। इसमें प्रमुख से संजय नगर, हजियापुर, चक महमूद, सुभाष नगर थे। यहां के लोगों जलभराव की समस्या को लेकर सड़क जाम कर हंगामा किया था।

इन नालों पर अतिक्रमण

- बुखारपुरा साजन पैलेस की पुलिया से मोहन तालाब, एजाजनगर गौटिया, जगतपुर पुलिस चौकी के सामने हस्तनगला होते हुए नकटकिया नाला

- नाग पंचमी से गंगापुर चौराहे से कुम्हारों वाली शास्त्री पुलिस मुख्य नाले तक

- भूड़ पटे की बजरिया से लल्ला मार्केट तक आपचेक नाला मुख्य नाले तक

- बाना खाना मठिया से सुर्खा मुख्य नाला तक

- मिशन मार्केट से ग्लोरी स्वीट्स होते हुए हिमालय फर्नीचर खन्ना व अंडर ग्राउंड नाला

- एबी कंपाउंड, मिशन कपाउंड होते हुए मिशन हॉस्पिटल गेट तक

- कृष्णा लॉन के मेन गेट से मुख्य नाले तक

- अय्यूब खां चौराहे से सीतापुर अस्पताल के पीछे मोड़ से मुख्य नाले तक

ट्रैक्टर पर बैठकर गए थे मेयर

शहर में देखा जाए तो 2-3 वर्षो में ही आधा दर्जन नए जलभराव के क्षेत्र और बढ़ गए हैं। स्टेडियम रोड पर बसी कॉलोनी सिटी हार्ट, रेजिडेंसी गार्डन और नीलकंठ कॉलोनी में पिछले साल घरों में बारिश का पानी घुस गया था। यहां तक कि कॉलोनी के निवासियों को अपना घर पूरी बारिश भर छोड़कर दूसरी जगह किराए पर तक रहना पड़ा। परेशान लोगों ने रोड जाम किया था, तो मेयर कॉलोनी में स्थिति देखने के लिए पहुंचे तो जलभराव अधिक होने से मेयर को भी कॉलोनी में निरीक्षण कराने के लिए ट्रैक्टर पर बैठकर जाना पड़ा। हालांकि बाद में नगर निगम ने पानी निकासी के लिए नाला निर्माण संजय नगर से शुरू कराया लेकिन वह इस समय अधूरा बना हुआ है।

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शहर में जलभराव जिन इलाकों में पिछली बार हुआ था उन्हीं इलाकों को चिह्नित किया गया है। उन्हीं इलाकों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। नाला और सीवर लाइन सफाई का काम कितने प्रतिशत पूरा हो चुका है इसकी अभी रिपोर्ट तैयार सत्यापन के बाद तैयार होगी।

उमेश गौतम, मेयर