इमरजेंसी, सेंट्रल लैब, वार्ड और ओपीडी में जम जमाव की स्थिति से डॉक्टर-मरीज परेशान

RANCHI : बारिश के दस्तक देते ही रिम्स की पोल खुल गई है। क्या इमरजेंसी और क्या वार्ड। सेंट्रल लैब से लेकर से ओपीडी तक सब पानी में डूब जाते हैं। थोड़ी सी बारिश होने पर रिम्स बिल्डिंग की कुछ ऐसी ही हालत हो जाती है। इस वजह से डॉक्टर्स के साथ मरीज व उनके परिजनों को खासी परेशानी हो रही है।

निकासी की नहीं है उचित व्यवस्था

रिम्स कैंपस व बिल्डिंग में जल जमाव कोई नई समस्या नहीं है। चाहे मॉनसून की बारिश हो या बेमौसम की बारिश, लंबे समय से जल जमाव होता आ रहा है। लेकिन, जल की निकासी के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है। खासकर सेंट्रल लैब और ओपीडी में हर दिन सैकड़ों मरीजों का जमावड़ा रहता है। अगर ऐसे में बारिश हो जाए तो मरीजों की मुसीबत बढ़ जाती है।

पानी भर जाए तो होती है सफाई

बारिश का पानी जब लबालब भर जाता है तो रिम्स प्रबंधन की नींद खुलती है। बारिश थमने के बाद पानी की निकासी व साथ साफ-सफाई शुरु की जाती है। आखिर राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में भी बारिश से निपटने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं, जबकि हर साल इसका करोड़ों रुपए का बजट होता है।

लैब की छत से भी हो रहा रिसाव

रिम्स के सेंट्रल लैब की छत भी जर्जर होती जा रही है। बारिश शुरु होते ही छत से रिसाव शुरू हो जाता है। ऐसे में यहां मौजूद मरीज परेशान हो जाते है। वैसे, लैब को रिनोवेट करने की तैयारी चल रही है, लेकिन रिसाव को दूर करने के प्रति कोई पहल नही की जा रही है। पानी के रिसाव की वजह से मरीजों में इंफेक्शन का खतरा मंडराता रहता है।