- पेयजल परियोजना में गड़बड़ी की आज से जांच होगी शुरू

- 26 से 31 अगस्त तक बनारस में रहेगी टीम

बनारस में पेयजल परियोजना में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद अब तक 19 अफसरों को निलंबित करने के साथ ही 17 सेवानिवृत्त अफसरों से वसूली का आदेश हो चुका है। परियोजना में वित्तीय गबन की भी आशंका है, जिसकी जांच के लिए सोमवार को लखनऊ से जांच टीम बनारस आ रही है, जो 31 अगस्त तक दस्तावेजों को खंगालने के साथ ही जिम्मेदारों से पूछताछ भी करेगी।

वित्तीय लेन-देन पर रहेगी नजर

वित्तीय धांधली की जांच के लिए प्रबंध निदेशक विकास गोठवाल के निर्देशानुसार वित्त निदेशक ने अनुमति दी है। कार्यालय अधिशासी अभियंता निर्माण खंड, उप्र जल निगम वाराणसी द्वारा क्रियान्वित की जा रही पेयजल परियोजना सिस व ट्रांस पेयजल परियोजना के अलावा अमृत योजना के तहत हुए कार्यो की जांच की जाएगी। जांच टीम का फोकस 2008 से अब तक हुए वित्तीय लेन-देन पर रहेगी। विशेष वित्तीय जांच किए जाने के लिए संपरीक्षा दल गठित किया गया है। संपरीक्षा दल द्वारा 26 अगस्त से 31 अगस्त तक की अवधि में लेखाभिलेखों की जांच की जाएगी। जांच दल में सहायक लेखाधिकारी आडिट रामेंद्र कुमार, सहायक लेखाधिकारी आडिट हरि नारायण कश्यप, वरिष्ठ संपरीक्षक आरपी शर्मा, वरिष्ठ संपरीक्षक अरूण कुमार पांडेय, कार्यवाहक लेखाकार मुख्यालय सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, आलेखक प्रालेखक निर्माण खंड बाराबंकी अधिकारी शामिल रहेंगे। मुख्य आन्तरिक संपरीक्षा अधिकारी नीलम सिंह ने निर्देशित किया है कि खंड के अधिशासी अभियंता निर्माण खंड उप्र जल निगम वाराणसी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि आडिट टीम द्वारा प्रश्नगत योजना से संबंधित मांगे गए समस्त अभिलेख उपलब्ध कराया जाए। खंड के समस्त जूनियर इंजीनियर, खंडीय लेखाकार व अन्य संबंधित कार्मिक संपरीक्षा अवधि में अवश्य उपस्थित रहें। खंड कार्यालय द्वारा यदि संपरीक्षा दल को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जाने की स्थिति में उसे नॉट पुटआप में गंभीरता से लिया जाएगा।