- फूड कोर्ट के लिए अभी तक किसी ने नहीं किया आवेदन

- स्टेशनों पर एक भी फूड स्टॉल ना होने से यात्री परेशान

LUCKNOW:

मेट्रो स्टेशन पर पहुंचने के बाद अगर किसी मुसाफिर को भूख लगती है तो उसे सफर खत्म करने का इंतजार करना होगा। किसी भी मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों को खाने-पीने का कोई भी आइटम नहीं मिलेगा। जबकि सभी मेट्रो स्टेशनों पर फूड कोर्ट शुरू किए जाने के लिए जगह छोड़ी गई है। इसके लिए आवेदन भी मांगे गए हैं। लेकिन अब तक किसी ने भी इसके लिए आवेदन नहीं किया। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) ऐसे लोगों का इंतजार कर रहा है जो मेट्रो स्टेशनों पर बुक स्टाल या फूड कोर्ट की शुरुआत कर सकें।

बैठकर खाने की छूट नहीं

मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों से स्टेशन में घुसते ही पानी की बोतल तक ले ली जाती है। उन्हें पीने का पानी भी अंदर ले जाने की छूट नहीं है। बाहर से साथ लाए किसी अन्य तरह के ईटेबल आइटम भी मेट्रो या मेट्रो स्टेशन पर बैठकर खाने की छूट नहीं है। जबकि एलएमआरसी मेट्रो का संचालन 8.5 किमी के लिए कर रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग मेट्रो स्टेशन तक कुल आठ मेट्रो स्टेशन हैं लेकिन एक भी स्टेशन पर फूड कोर्ट नहीं खुल सका है। मेट्रो स्टेशन पर बस अड्डों और रेलवे की तर्ज पर ही फूड कोर्ट डेवलप किए जाने हैं। इसके अलावा बुक स्टॉल और अन्य सामग्रियों की दुकानें खुलनी हैं।

किसी ने नहीं किया आवेदन

इसके लिए एलएमआरसी ने टेंडर भी मांगे हैं। फॉर्मेल्टीज पूरी कर कोई भी मेट्रो स्टेशन में दुकान खोल सकता है। इसके शुरू होने से मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को खाने और मिनिरल वॉटर की बोतल मिलने में आसानी हो जाएगी। इसके बाद उन्हें मेट्रो में भूख और प्यास के साथ सफर नहीं करना होगा।

हम लोगों ने फूड कोर्ट के लिए स्टेशनों पर जगह दे रखी है। इसके लिए ऑनलाइन टेंडर किए जा रहे हैं। अभी प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल किसी ने अब तक मेट्रो स्टेशनों फूड कोर्ट या किसी अन्य तरह स्टॉल यहां पर खोले जाने के लिए आवेदन नहीं किया है।

अमित श्रीवास्तव

पीआरओ