बीबीसी से ख़ास बातचीत में फ़रहान ने बताया, "ज़ोया और मैं काफ़ी वक़्त साथ-साथ बिताते हैं। हम दोनों एक दूसरे की निजी ज़िंदगी की कद्र करते हैं। और साथ ही एक-दूसरे की ज़रूरतों का ख़्याल भी रखते हैं। ज़ोया एक बेहतरीन लेखक और निर्देशक हैं। मैं उन्हें बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं."

जुलाई में रिलीज़ हुई ज़ोया अख़्तर निर्देशित फ़िल्म ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा को अच्छी कामयाबी मिली। इसमें उनके भाई फ़रहान अख़्तर के अलावा ऋतिक रोशन, कटरीना कैफ़ और अभय देओल की मुख्य भूमिका थी।

ज़ोया की बतौर निर्देशक पहली फ़िल्म थी लक बाय चांस। फ़रहान और ज़ोया मशहूर शायर- लेखक जावेद अख़्तर और पटकथा लेखिका हनी ईरानी की संतान हैं।

फ़रहान ने ज़ोया के बारे में बताया, "ज़ोया बचपन से ही बहुत ईमानदार थी। मैं कोई शरारत करता तो वो मम्मी को सब कुछ सच-सच बता देती। तब मैं उससे बहुत चिढ़ता था। लेकिन आज मैं उसकी ईमानदारी की कद्र करता हूं." फ़रहान की ज़्यादातर फ़िल्मों की कहानी दोस्ती पर आधारित होती हैं।

बतौर निर्देशक उनकी पहली फ़िल्म दिल चाहता है तीन दोस्तों की कहानी थी। बतौर अभिनेता उनकी पहली फ़िल्म रॉक-ऑन भी दोस्तों की कहानी थी। ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा भी दोस्ती पर आधारित है।

इस बारे में फ़रहान कहते हैं, "मेरी और ज़ोया की ज़िंदगी में दोस्तों का सबसे अहम योगदान है। जब हम छोटे थे, उस वक़्त हमारे मां-बाप अलगाव के दौर से गुज़र रहे थे। ऐसे में हमारे दोस्त हमारे लिए परिवार का हिस्सा बन गए। क्योंकि जो बातें हम अपने मां-बाप से नहीं बता सकते थे, वो दोस्तों से शेयर कर सकते थे." फ़रहान, अब तक के अपने करियर से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। उनके मुताबिक़ वो अपने प्रशंसकों से मिले प्यार और तारीफ़ से ख़ुश हैं।

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