नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 (एनईपी) के तहत '21वीं सदी में स्कूली शिक्षा' पर आयोजित दो दिवसीय एक सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम माेदी ने इसमें वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। प्रधानमंत्री के अलावा इस विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य मंत्री (एमओएस) संजय धोत्रे समेत विभिन्न राज्यों के अन्य लोग शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) -2020 छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करेगी। इसे इस तरह से बनाया गया है कि पाठ्यक्रम को कम किया जा सकता है और मूल सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।


पीएम बोले 21वीं सदी की स्किल्स ये होंगी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमें अपने छात्रों को 21 वीं सदी के कौशल के साथ आगे ले जाना होगा। 21वीं सदी की स्किल्स ये होंगी- क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलैबोरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन। हमारे देश भर में हर क्षेत्र की अपनी कुछ न कुछ खूबी है, कोई न कोई पारंपरिक कला, कारीगरी, प्रोडक्ट्स हर जगह के मशहूर हैं। स्टूडेंट्स उन करघों, हथकरघों में दौरा करें, देखें आखिर ये कपड़े बनते कैसे हैं? इससे विद्यार्थियों की जिज्ञासा और जानकारी दोनो ही बढ़ेगी।


देश भर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के बारे में देश भर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे थे। एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसके पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है। हालांकि अभी ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है।

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