नई दिल्ली (एएनआई)। संसद सदस्य ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां सबकुछ ठीक था और फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति जब भारत आए तो सड़कों पर भारी भीड़ ने उपद्रव मचाया था। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है कि आबादी के लिहाज से भारत और पाकिस्तान में कुल आबादी के कितने प्रतिशत की कोविड-19 जांच की गई।

पाकिस्तानी पत्रकार से कर रहे थे बातचीत

थरूर लाहौर थिंक फेस्ट में 'कोविड-19 ने दुनिया को कैसे बदला' विषय पर पाकिस्तानी पत्रकार खुर्रम हुसैन से बातचीत कर रहे थे। हुसैन ने उनसे पूछा था कि कोविड-19 को लेकर भारत में क्या हालात रहे। उन्होंने कहा, 'जाहिर है हालात ठीक नहीं हैं। सीमा पार हम जलन के साथ देखते हैं क्योंकि आप लोगों का समय खुशहाल गुजर रहा है। आप लोग सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं। हमारे यहां संख्या बढ़ रही है।'

पाक में जांच नहीं होने से सामने नहीं आए केस

थरूर ने कहा, 'भारत में हर जगह हालात बुरे थे। कहां ज्यादा और कहां कम इसके कोई मायने नहीं रह गए थे। दिल्ली जहां मैं रहता हूं और मेरे संसदीय क्षेत्र तिरुअनंतपुरम सब जगह कोरोना वायरस से बुरा हाल था।' एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि भारत में ज्यादा केस तेजी से जांच करने की वजह से सामने आए। जबकि पाकिस्तान में बहुत सारे कोरोना पाॅजिटिव मामले इसलिए गिनती में नहीं आए क्योंकि वे या तो एसिम्प्टमैटिक थे या उनकी कोविड-19 की जांच नहीं की गई।

कोविड-19 का राजनीतिक रूप से नुकसान नहीं

जब यह पूछा गया कि कोविड-19 संख्या ने केंद्र सरकार के राजनीतिक भाग्य को किस प्रकार से प्रभावित किया है। इस थरूर ने कहा कि पोल्स से तो लगता नहीं कि राजनीतिक रूप से उन पर कोई असर पड़ा है जैसा कि पड़ना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार को भी पता है कि उन्होंने कोविड-19 को नियंत्रित करने में ठीक से काम नहीं किया। लेकिन लगता नहीं कि चुनाव में उन्हें कोई नुकसान होगा। यही वजह है कि हम विपक्ष में हैं।'

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