इंडियन हॉकी टीम के सीनियर मेंबर इग्नेश टिर्की बोले, ओलंपिक मेडल जीतकर ही लौटेंगे क्योंकि मेडल से ही होगी बीजिंग ओलंपिक क्वालीफाई न कर पाने की शर्मिंदगी की भरपाई।

बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई न कर पाने के बाद जो शर्मिंदगी इंडियन हॉकी टीम ने झेली थी, उसकी भरपाई एक ओलंपिक मेडल से ही हो सकती है। यह कहना है इंडियन हॉकी टीम के सबसे सीनियर मेंबर और मिडफील्डर इग्नेश टिर्की का। ईमेल के जरिए आई नेक्स्ट को दिए इंटरव्यू में इग्नेश ने साफ कहा कि वो और उनके साथी लंदन में इंडियन कैंप की संख्या बढ़ाने नहीं, बल्कि जीतने आए हैं और अगर सवा अरब लोगों की दुआएं उनके साथ रहीं तो वह ओलंपिक में इंडिया के गौरवशाली अतीत को जरूर दोहराएंगे।

आसान नहीं है राह
शनिवार को लंदन के खेल गांव पहुंची इंडियन हॉकी टीम में इग्नेश संदीप सिंह के अलावा दूसरे प्लेयर हैं, जिन्होंने पहले भी ओलंपिक खेला है। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत लकी हूं कि मुझे इंडिया की ओर से दूसरी बार ओलंपिक खेलने का मौका मिला, लेकिन यह बात तब ज्यादा मायने रखेगी जब हम मेडल जीतकर लौटेंगे.’ टीम की संभावनाओं के बारे में इग्नेश ने कहा, ‘टीम साइकोलॉजिकली बेहद मजबूत है और ओलंपिक से पहले स्पेन में हॉकी के फ्रेंडली मैचों ने हमारी तैयारियों को और पुख्ता किया है। इसके अलावा कोच माइकल नोब्स ने भी लंदन के माहौल को देखते हुए खास तरीके से हमारी तैयारी करवाई है। निश्चित रूप से हमें इन सारी चीजों का फायदा मिलेगा.’ टीम की स्ट्रैटजी पर इग्नेश ने कहा, ‘हमारी प्रॉयरिटी पहले ग्र्रुप राउंड में बेहतर परफॉर्मेंस करके अगले राउंड में जगह बनाने की होगी। हमें ग्र्रुप बी में रखा गया है, जहां जर्मनी, कोरिया और नीदरलैंड्स जैसी मजबूत टीमें हैं। इसलिए हम आगे की नहीं सोच रहे हैं.’ इंडिया को अपना पहला मैच 30 जुलाई को नीदरलैंड्स के खिलाफ खेलना है।

बढिय़ा है फॉर्म
पद्म श्री और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित इग्नेश की नजर में संदीप सिंह और सरदारा सिंह इंडियन टीम के की प्लेयर्स हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हॉकी एक टीम गेम है, जिसमें हार या जीत के लिए कोई एक मेंबर जिम्मेदार नहीं होता, लेकिन फॉरवर्ड लाइन में संदीप और सरदार अच्छा खेल रहे हैं। उनसे सभी को काफी उम्मीदें है.’

फैमिली को किया मिस

इंडियन टीम स्पेन में एक महीने तक चले ट्रेनिंग कैंप और प्रैक्टिस मैचों के बाद डायरेक्ट लंदन पहुंची है। ऐसे में सभी प्लेयर्स को घर की याद आ रही है। इग्नेश ने कहा, ‘हम सभी अपनी फैमिली को मिस कर रहे हैं, लेकिन हम जानते हैं कि पूरा देश हमसे उम्मीद कर रहा है और अगर हम सफल रहे तो देशवासियों के साथ हमारी फैमिली को भी हम पर गर्व होगा.’

इनसे होगा मुकाबला

मेन हॉकी इवेंट्स को चार ग्रुप्स में बांटा गया है। इंडिया के ग्रुप्स में नीदरलैंड्स, डिफेंडिंग चैंपियन जर्मनी, कोरिया, न्यूजीलैंड और बेल्जियम को रखा गया है। हर ग्रुप्स से टॉप टीम सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेगी। ऐसे में इंडिया के लिए सभी मैच जीतने जरूरी हैं।  


Schedule

 

DateVerses country
30 Julyv Netherlands
1 Augustv New Zealand
3 Augustv Germany
5 August    v Koreav Korea
7 Augustv Belgium



 

 

 

 

कौन हैं इग्नेश?
उड़ीसा के सुंदरगढ़ से ताल्लुक रखने वाले इग्नेश ने राउरकेला के पनपोश स्पोट्र्स कॉलेज से हॉकी की बारीकियां सीखी हैं। यहां से उन्हें इंडियन आर्मी के लिए खेलने का मौका मिला। 2001 में बेल्जियम के खिलाफ काइरो में उन्होंने अकबर एल योम टूर्नामेंट के दौरान इंडिया के लिए डेब्यू किया था। वह 2004 एथेंस ओलंपिक खेलने जाने वाली टीम का भी हिस्सा थे। इस ओलंपिक में इंडिया सातवें स्थान पर रहा। इग्नेश को 2003 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान पर मिली रोमांचक जीत के लिए याद किया जाता है, जहां उन्होंने मैच के अंतिम मिनट में करिश्माई गोल दागकर इंडिया को 3-2 से जीत दिला दी थी। यह पहला मौका था, जब इंडिया ने एशिया कप अपने नाम किया था। इग्नेश के छोटे भाई प्रबोध टिर्की भी इंडिया को रिप्रजेंट कर चुके हैं।

Rajeev Tripathi