- चमोली के फल्दियागांव में मलबे में दफन मां-बेटी का नहीं चला पता, सर्च ऑपरेशन जारी

- मौसम विभाग ने 13 और 14 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट किया जारी

DEHRADUN: उत्तराखंड में सैटरडे को बारिश ने थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन परेशानियां बरकरार है। एक रोज पहले बादल फटने से चमोली और टिहरी जिले में भारी नुकसान हुआ था। लोग अभी भी सहमे हुए हैं। चमोली जिले के देवाल विकासखंड के फल्दियागांव में मलबे में दफन मां-बेटी का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चल पाया। रेस्क्यू टीमें उनकी तलाश कर रही है। राज्य में गंगा समेत ज्यादातर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है। कई मार्ग बंद पड़े हुए हैं और कई गांवों में बिजली गुल है।

आपदा प्रभावितों को दी राहत राशि

देवाल क्षेत्र में थर्सडे नाइट बादल फटने से बड़ी क्षति हुई थी। बरसाती नाले के उफान के साथ आए मलबे ने मां-बेटी जिंदा दफन हो गए थे, फ्राइडे सुबह से उनकी खोजबीन चल रही है, लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। आपदा प्रबंधन विभाग की टीम अभी प्रभावित क्षेत्रों में डटी हुई है। फल्दियागांव के आपदा प्रभावित 12 परिवारों के 45 लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन में ठहराया गया है। पहले इन्हें जूनियर हाईस्कूल में ठहराया गया था। शिक्षण कार्य प्रभावित न हो, इसलिए उन्हें अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। उनके खाने की व्यवस्था भी वहीं पर की गई है। इस बीच, जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावितों को त्वरित राहत के रूप में 3800 रुपये दिए।

अलकनंदा में बहे युवक का नहीं लगा सुराग

सैटरडे सुबह श्रीनगर से कुछ दूर फरासू में अलकनंदा नदी में बहे युवक का भी कुछ पता नहीं चल पाया। सड़क किनारे खड़ा यह युवक पुश्ता ढहने के कारण अलकनंदा नदी में गिरकर ओझल हो गया था।

राज्य में 64 संपर्क मार्ग बंद, लोग परेशान

आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण केंद्र की जानकारी के मुताबिक राज्य में 74 मार्ग अवरुद्ध हैं। इनमें सबसे ज्यादा मार्ग चमोली में हैं। इनकी संख्या 31 है। देहरादून में 13, पौड़ी में 4, उत्तरकाशी में 5, बागेश्वर में 6 और पिथौरागढ में 8 मार्ग बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मार्ग रातापानी के पास मलबा आने से दूसरे दिन भी बंद रहा। यहां बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। मार्ग बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नदियों का बढ़ा जलस्तर

पिछले कुछ दिनों के अंतराल में रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से दो मीटर, बागेश्वर में सरयू आधा मीटर, चंपावत में शारदा नदी डेढ़ मीटर नीचे बह रही है। जिला प्रशासन ने इनके किनारे रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है।

13 व 14 अगस्त भारी बारिश का अलर्ट

राज्य मौसम केंद्र ने 13 व 14 अगस्त को सात जिलों देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, नैनीताल और पौड़ी में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले 11 और 12 अगस्त को चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल, रुद्रप्रयाग व पौड़ी में बारिश की संभावना है।