-सुबह से शाम तक गर्म रहा शहर, पारा 44 के पार, आसमान से बरसे अंगारे

सूरज की तपिश और आसमान से बरस रहे अंगारे बदन को झुलसाने पर आमादा हैं. सुबह आठ बजने के साथ ही धूप की तल्खी इतनी हो जा रही है कि मानो आम दिनों में दोपहर का वक्त हो. पारा 43 और 44 से नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार की दोपहर एक बजे पारा 43 दर्ज किया गया तो वहीं दोपहर तीन बजे तक 44 तक पहुंच गया. यही स्थित शनिवार को भी रही, 44.4 डिग्री और न्यूनतम 29.6 डिग्री दर्ज किया गया था. गर्मी इतनी है कि कूलर-पंखा भी काम नहीं कर रहा है. मौसम वैज्ञानिकों ने केरल में मानसून आने का दावा किया है मगर, अभी अपने यहां दस दिनों तक गर्मी से निजात नहीं मिलने की उम्मीद है. तय हो गया है कि गर्मी से काशीवासियों को अभी कुछ दिन तक राहत नहीं मिलेगी.

गर्मी से राहत पाने की जुगत हर कोई कर रहा है. युवा और बच्चे गंगा घाट किनारे पानी में राहत ढूंढ़ रहे हैं तो बड़े-बुजुर्ग दिन भर कूलर, एसी की शरण में हैं. बेजुबान भी छांव की तलाश में देखे जा रहे हैं. हालांकि शाम को गंगा के किनारे घाटों पर घूमने वाले भी देर शाम को पहुंच रहे है क्योंकि दिनभर की धूप की गर्मी से पत्थर लाल हो जा रहे हैं. गंगा के उस पार घूमने वालों को कुछ राहत मिलती है. मौसम का हाल यह है कि दिन भर लोगों से भरे बाजार दिन में वीरान से हो जाते है. दुकानदारी शाम को छह बजे के बाद ही हो रही है. बीएचयू और डीरेका के हरे-भरे पौधों से वहां के लोगों को थोड़ी राहत मिलती है.

सुबह घर से निकलने से पहले चना और जौ के मिश्रण से बना सत्तू का घोल पीना लाभदायक होता है. इस मौसम में तला-भुना भोजन करने से बचना चाहिए. सॉफ्ट ड्रिंक की बजाए आम का पन्ना और बेल का शर्बत पीना चाहिए.

डॉ. सुनील मिश्रा, फिजिशियन