---तालाबों को बचाना है-5-------------

--डिस्टिलरी तालाब सुखाने से आसपास के आधा दर्जन कुएं सूख गए

--177 साल पुराना कुआं था जायसवाल कोठी में, पहली बार सूखा

--71 साल पुराना कुआं पीस रोड के राजेश खलखो के घर का सूख गया

--60 साल पुराना कुआं कोकर बस्ती का सूख गया

--300 परिवारों के सामने पानी की किल्लत

रांची : तालाबों को बचाना है अभियान के पांचवें दिन हम बात करेंगे उन कुओं की जो डिस्टिलरी तालाब को सुखाने के बाद सूख गए। डिस्टिलरी तालाब में पिछले साल जब चेकडैम तोड़कर ब्यूटीफिकेशन का काम शुरू हुआ, उसके दो महीने के बाद इसके पास स्थित जायसवाल कोठी में बना 177 साल पुराना कुआं सूख गया। इतने सालों में यह कुआं पहली बार सूखा है। इस कुएं से आसपास के लगभग 100 परिवार पानी पर निर्भर थे। ये सभी परिवार पिछले एक साल से पानी के लिए परेशान हैं।

बर्बाद हो रहा वाटर रिसोर्स

बात सिर्फ इस कुएं की ही नहीं है, और भी कई कुएं हैं जो डिस्टिलरी तालाब के सूखने के बाद सूख गए। आसपास के लोगों को कहना है कि एन्क्रोचमेंट कर यहां के वाटर रिसोर्स को बर्बाद कर दिया गया। और जो कुछ बचा था उसे रांची नगर निगम ने ब्यूटीफिकेशन के नाम पर बर्बाद कर दिया। लोगों का कहना है कि डिस्टिलरी तालाब के रहने से इलाके का वाटर लेवल मेंटेन रहता था और आसपास के कुओं में कभी पानी नीचे नहीं जाता था, लेकिन पिछले साल इस इलाके के लगभग आधा दर्जन कुएं सूख गए।

71 साल पुराना कुआं भी सूखा

डिस्टिलरी तालाब से थोड़ी दूरी पर पीस रोड में रहनेवाले राजेश खलखो के घर का कुआं भी पिछले साल सूख गया। यह कुआं 71 साल पुराना था और पहली बार पिछले साल सूखा। इस कारण उनके घर के आसपास रहनेवाले लोगों को भी पानी की दिक्कत होने लगी। वहीं दूसरी ओर कोकर बस्ती में बना एक 60 साल पुराना कुआं भी पिछले साल सूख गया, जिससे आसपास के लगभग 50 घरों में पानी की किल्लत हो रही है। लोगों का कहना है कि इससे पहले ऐस कभी नहीं हुआ था, लेकिन डिस्टिलरी तालाब सुखाए जाने के बाद ही हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ब्यूटीफिकेशन के नाम पर डिस्टिलरी तालाब में बने दो कुओं को भी भर दिया गया, जिससे वाटर लेवल की प्रॉब्लम खड़ी हुई है।