2 महिला मैनेजर तेजस ट्रेन में

2 महिला अटेंडेंट हर कोच में

- तेजस के सफर को शानदार बना रही है महिला शक्ति

- तेजस ट्रेन में मैनेजमेंट की व्यवस्था महिलाओं के हाथ में

LUCKNOW:

तेजस एक्सप्रेस के पहले प्लेटफार्म पहुंचनाआने वाले यात्रियों का स्वागत करनासफर में हर पैसेंजर की विशेष देखभालफिर जाते समय फिर मिलेंगे का संदेश। तेजस एक्सप्रेस में महिलाओं को जो जिम्मेदारी मिली है वे उसे बखूबी निभा रही हैं और महिला शक्ति का परिचय दे रही हैं। उनकी कार्य दक्षता को देखकर आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन) के अधिकारियों का कहना है कि इनके बिना तेजस का सफर अधूरा है। देश की पहली कारपोरेट ट्रेन में उपलब्ध सुविधाएं और इन महिलाओं की कार्य कुशलता ने तेजस के सफर में चार चांद लगा दिए हैं।

हर पैसेंजर का खास ख्याल

लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली कारपोरेट तेजस ट्रेन में सर्विस की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं के हाथ है। ट्रेन में एंट्री करते ही महिलाएं जहां पैसेंजर्स को वेलकम कर उन्हें उनकी सीट तक पहुंचाती हैं। वहीं ट्रेन से उतरने पर शुभकामना संदेश भी देती हैं। ट्रेन में सफर के दौरान दो महिला मैनेजर मौजूद रहती हैं। इसके अलावा हर कोच में दो महिला अंटेंडेंट भी तैनात हैं। तेजस में सफर शुरू होने के साथ इन महिलाओं का काम शुरू हो जाता है। पैसेंजर्स को ट्रेन में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देने के साथ मौजूदा फीचर्स के उपयोग के तरीके बताना होता है।

सफर तो पता ही नहीं चलता

इसी दौरान ट्रेन में नाश्ता देने का समय शुरू होता है। नाश्ता खत्म होने के साथ ही खाना देने का समय हो जाता है। इसके बाद सफर के दौरान पैसेंजर्स के साथ आने वाली समस्याओं को दूर करने में यह महिलाएं हर वक्त तत्पर रहती हैं। तेजस में मौजूद अटेंडेंट आलमआरा ने बताया कि इस तरह की जॉब के बारे में हमने सोचा भी नहीं था। यह हमारे लिए चैलेंजिग था। लेकिन जब हमारी टीम को यह मौका मिला तो हम पीछे नहीं हटे।

सुबह पहुंचना आसान नहीं

मैनेजर शुभांगी श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह छह बजे रेलवे स्टेशन पहुंचना आसान नहीं है। बहुत तड़के हम लोगों को अपने घरों से निकलना पड़ता है। सफर के दौरान हमें हर पैसेंजर्स का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है। कभी किसी के टेबलेट को हैंडिल करने की जानकारी देनी होती है तो खाने पर लोगों का विशेष ख्याल रखना होता है।

महिलाओं ने जिस तरह से तेजस में अपनी भागीदारी निभाई है, वह शानदार है। फीडबैक में पैसेंजर्स इसकी तारीफ कर रहे हैं। ट्रेन के अंदर मैनेजमेंट की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं की है।

अश्विनी श्रीवास्तव, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक

आईआरसीटीसी

108 सीटें बची हैं तेजस में

आईआरसीटीसी के अनुसार नौ अक्टूबर को सुबह दिल्ली के लिए रवाना होने वाली तेजस ट्रेन में अभी 108 सीटे बची हैं। ऐसे में दशहरे के दूसरे दिन जो दिल्ली जाना चाहते हैं, वे अपनी सीटे तेजस में बुक करा सकते हैं।