कोलकाता (आईएएनएस)। दुर्गा पूजा के बाद बंगाल बीजेपी में बड़ा फेरबदल होने के आसार दिख रहे हैं। इस फेरबदल में युवा पीढ़ी के नए चेहरों को इसमें शामिल किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में कल बीजेपी के सांसद 41 वर्षीय सुकांत मजूमदार को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है। युवा सुकांत मजूमदार जिन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे आरएसएस के करीबी हैं। हालाकि राज्य अध्यक्ष बनने से पहले राजनीतिक और संगठनात्मक समस्याओं को संभालने का बहुत कम अनुभव था। ऐसे में उन्हें न केवल नवागंतुकों और भरोसेमंद बीजेपीसोल्जर्स के बीच संतुलन बनाना होगा, बल्कि उन्हें पार्टी में पलायन को रोकना होगा। बाबुल सुप्रियो के बाहर निकलने के बाद तृणमूल पहले ही दावा कर चुकी है कि उनके पीछे और भी नेता आ सकते हैं।

सुकांत मजमूदार आरएसएस के प्रति अपनी निष्ठा रखते
दूसरी बात गौरबंगा विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सुकांत मजूमदार दक्षिण दिनाजपुर से ज्यादा बाहर नहीं गए हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें कम समय में पश्चिम बंगाल के सभी 24 जिलों की स्थलाकृति और सामाजिक संरचना को जानना होगा और वहां उन्हें कुछ भरोसेमंद लोगों पर निर्भर रहना पड़ेगा। मजूमदार, जो आरएसएस के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं, निश्चित रूप से अपने क्षेत्र और मूल संगठन पर निर्भर रहना पसंद करेंगे। मजूमदार पहले ही कह चुके हैं कि चुनावी रणनीति में कुछ समस्याएं थीं जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा और संकेत दिया कि वह पार्टी में नए और युवा नेतृत्व को प्राथमिकता देंगे।

राज्य में लोगों को पार्टी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है
पार्टी के सूत्रों ने संकेत दिया कि आरएसएस से देबोजीत सरकार, तुषार घोष, देबश्री चौधरी और देबतनु भट्टाचार्य जैसे लोगों को पार्टी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। संकेत यह भी हैं कि ज्योतिर्मय सिंह महतो के अलावा - उत्तर बंगाल से अन्य सभी चार महासचिवों को बदले जाने की संभावना है। न केवल राज्य नेतृत्व में बल्कि जिला नेतृत्व में भी भारी बदलाव की संभावना है। कुल मिलाकर 39 संगठनात्मक जिले हैं जिनका नेतृत्व एक जिलाध्यक्ष करते हैं। सूत्रों ने बताया कि महासचिवों के पदों के बाद पार्टी यूथ विंग, किसान विंग, महिला विंग और अल्पसंख्यक विंग की शाखा संगठनों के पद अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस फेरबदल में युवा पीढ़ी के नए चेहरों को इसमें शामिल किया जाएगा।

केंद्रीय नेतृत्व की सलाह के अनुसार नई कमेटी का गठन
सभी बदलाव संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार होंगे। हमारे केंद्रीय नेतृत्व की सलाह के अनुसार नई कमेटी का गठन किया जाएगा। बदलावों का अंतिम फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। सूत्रों ने आगे कहा कि नए और बदले हुए सांगठनिक ढांचे में उत्तर बंगाल को विशेष वरीयता मिलेगी। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में, बीजेपीका प्रदर्शन राज्य के अन्य हिस्सों की तुलना में कहीं बेहतर था। बीजेपीके एक वरिष्ठ नेता ने कहा नई समिति युवाओं की ऊर्जा और दिग्गजों के अनुभव का मेल होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि मजूमदार सुवेंदु अधिकारी के साथ कैसे बातचीत करते हैं, जिनके पास एक विशाल राजनीतिक, संगठनात्मक और प्रशासनिक अनुभव है।

सुकांत मजूमदार के सुवेंदु अधिकारी के साथ अच्छे संबंध
सुवेंदु अधिकारी वह व्यक्ति हैं जो तृणमूल कांग्रेस से बीजेपीमें चले गए हैं, लेकिन पार्टी में समानांतर सत्ता केंद्र बनाने में सफल रहे हैं और इसकी अनुमति केंद्रीय नेतृत्व ने भी दी है। सिर्फ इसलिए नहीं कि उन्होंने ममता बनर्जी को हराया है, बल्कि इसलिए कि उनके पास एक जनाधार है जिसे भगवा ब्रिगेड भुनाना चाहती है। पार्टी में अफवाहें हैं कि अधिकारी ने शुरुआत में सुकांत मजूमदार के नाम की सिफारिश की थी क्योंकि सुकांत मजूमदार के सुवेंदु अधिकारी के साथ अच्छे संबंध हैं। एक संगठनात्मक प्रमुख है और दूसरा विधायी प्रमुख है। दोनों युवा, गतिशील, आक्रामक हैं और नए विचारों के लिए खुले हैं। अगर वे एक साथ काम करते हैं तो भविष्य में पार्टी को फायदा होगा।

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