बेंगलुरू (राॅयटर्स)। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021/2022 का आम बजट संसद में पेश करने वाली हैं। काॅरपोरेट और उद्योग लाॅबी को सरकार से उम्मीद है कि वह बड़े खर्चों का ऐलान करेगी। कोरोना वायरस महामारी से राहत देने वाले इन खर्चों में हेल्थकेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर तो शामिल हो ही सकते हैं बल्कि इनमें ऑटो सेक्टर, मैन्यूफैक्चरिंग और टूरिज्म सेक्टर के लिए टैक्स छूट के भी शामिल होने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य एवं दवा उद्योग

दवा उद्योग को उम्मीद है कि रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) के लिए सरकार ज्यादा प्रोत्साहन देगी। इंडियन फर्मास्युटिकल अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा कि प्रोत्साहन स्वरूप सरकार आरएंडडी खर्चों पर बड़ी मात्रा में टैक्स राहत दे सकती है। बाॅयोकाॅन लिमिटेड के चीफ किरण मजूमदार शाॅ को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 तक सरकार हेल्थकेयर खर्चों को बढ़ा कर जीडीपी का 2.5 प्रतिशत तक ले जाएगी। इस समय सरकार हेल्थकेयर पर जीडीपी का करीब 1 प्रतिशत खर्च कर रही है।

रियल इस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर

कंस्ट्रक्शन और रियल इस्टेट सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का अगुआ हैं। इस सेक्टर को उम्मीद है कि कंस्ट्रक्शन कास्ट बढ़ने की वजह से सरकार घर खरीदने वालों को टैक्स राहत की घाेषणा कर सकती है।

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज

वाहन उद्योग को उम्मीद है कि उत्पादन से संबंधित कुछ प्रोत्साहन की बजट में घोषणा होगी। इसके अलावा काॅमर्शियल वाहनों के लिए इस बजट में स्क्रैप पाॅलिसी आ सकती है। इंडियन यूनिट ऑफ टोयोटा मोटर काॅर्प के टोयोटा किर्लोस्कर ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और उनके पार्ट्स के निर्माण में मदद करेगी।

एविएशन इंडस्ट्री

आईसीआरए के मूडीज इंडिया यूनिट ने कहा कि विमान उद्योग एविएशन टरबाइन फ्यूल पर टैक्स घटाएगी और एयरपोर्ट शुल्क, पार्किंग और लैंडिंग तथा नेविगेशन शुल्क में छूट दी जानी चाहिए।

पर्यटन और आतिथ्य उद्योग

नेशनल रेस्टोरेंट असोसिएशन ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि उन्हें कम से कम छह महीनों तक ब्याज चुकाने से राहत मिलेगी। इसके साथ ही सरकार उन्हें अतिरिक्त धन मुहैया करवा कर सपोर्ट करेगी। ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट मेक माइ ट्रिप लिमिटेड के संस्थापक तथा टाॅप ऑफिशियल दीप कालरा ने कहा कि घरेलू यात्रा पर व्यक्तिगत टैक्स में राहत देने से भी इस उद्योग को मदद मिलेगी।

रिटेल

ब्रिक एंड मोर्टार रिटेल कंपनियों की मांग है कि नेशनल रिटेल पाॅलिसी बनाई जाए ताकि ऑनलाइन सेलर्स की संख्या में तेजी आए। आईकीया इंडिया के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर प्रीत धुपर ने कहा कि नेशनल रिटेल पाॅलिसी बनने से ई-काॅमर्स और फिजिकल रिटेल के बीच का अंतर खत्म हो जाएगा। दोनों प्रकार के विक्रेता एक नियम के तहत काम करने लगेंगे।

बैंकिंग

कोरोना वायरस महामारी की वजह से बैंकों के ऋण देने में कमी आई है। अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बावजूद इसमें कुछ खास बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। रिजर्व बैंक ने चेतावनी दी है कि कोरोना के बाद बैड लोन की संख्या दोगुनी हो सकती है। कुछ विश्लेषकों को उम्मीद है कि कथित रूप से बैड बैंकों को बंद कर सकती है तथा सरकारी बैंकों की संपत्तियों को खरीद कर प्रयोग कर सकती है। आईसीआरए ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अगले वित्त वर्ष के लिए 430 अरब रुपये की पूंजी की जरूरत पड़ेगी।