मैच में भारत के वरुण ऐरोन ने 39वें ओवर में मुशफ़िकुर को बीमर गेंद फेंकी, जिससे चोटिल होकर वो तुरंत मैदान पर ही गिर गए.

इस  मैच में यह वरुण की दूसरी बीमर गेंद थी, जिसके बाद नियम के अनुसार उन्हें गेंदबाज़ी करने से रोक दिया और फिर उनका ओवर कप्तान  विराट कोहली ने पूरा किया.

वरुण की पहली बीमर से तो मुशफ़िकुर जैसे-तैसे निपट लिए लेकिन दूसरी बीमर उनकी बाईं बगल में जाकर लगी.

क्रिकेट की भाषा में बीमर उस गेंद को कहते हैं जो तेज रफ़्तार के साथ फेंकी जाती है और बिना टप्पा खाए वो बल्लेबाज़ के कमर से ऊपर की ऊंचाई से गुजरती है.

इस तरह की गेंद बेहद ख़तरनाक होती है और बल्लेबाज़ के सिर में जाकर लग सकती है, उसे चोटिल कर सकती है.

ऐसी गेंद को अंपायर नो बॉल करार देकर गेंदबाज़ को चेतावनी दे सकता है.

शारीरिक नुकसान

आख़िर क्या बला है बीमर?

अगर फिर से या जानबूझ कर बीमर बॉल फेंकी जाती है तो गेंदबाज़ को उस पारी में गेंदबाज़ी करने से रोका जा सकता है जैसा कि साल 2003 के क्रिकेट विश्वकप में  पाकिस्तान के वकार यूनुस के साथ हुआ था.

कई क्रिकेट बोर्ड विचार कर रहे हैं कि अगर ऐसी गेंद से बल्लेबाज़ को शारीरिक नुकसान होता है तो इसे फेंकने वाले गेंदबाज़ पर जुर्माना लगाया जाए.

आम तौर पर बीमर फेंकना ख़ासा मुश्किल समझा जाता है क्योंकि इसके लिए गेंद को काफी पहले छोड़ना पड़ता है.

कई बार ऐसा तब भी होता है जब गेंद गीली हो और गेंदबाज़ के हाथ से फिसल जाए.

कई बार गेंदबाज़ ये भी कहते हैं कि वो यॉर्कर फेंकना चाह रहे थे लेकिन गेंद फिसल गई. लेकिन ऐसा होता नहीं है क्योंकि यॉर्कर फेंकने के लिए गेंद कहीं बाद में छोड़ी जाती है.

वैसे क्रिकेट के नियम अब इतने सख्त है कि कभी कभार ही बीमर फेंके जाने की बात सुनने को मिलती हैं.

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