एक नजर प्रक्रिया पर
मोडीफाइड डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत जब घर पर गैस सिलेंडर की डिलीवरी होगी, उस समय आपको गैस की बिना सब्सिडी वाली कीमत यानी 922 रुपए (यह दिल्ली में लागू कीमत है, अलग-अलग राज्यों में यह अलग-अलग हो सकता है) डिलीवरी मैन को देने होंगे. इसके बाद अब गैस पर सरकार आपको 482 रुपए की सब्सिडी देती है, तो वह रुपए आपके खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. इसी धन को अपने खाते में लेने के लिए आपको अपने खाते और एलपीजी गैस कनेक्शन संख्या को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम से जोड़ना होगा.

बनाया और भी आसान
स्कीम के पहले फोर्मेट के तहत आधार कार्ड के बिना सब्सिडी नहीं ली जा सकती थी. वहीं अब इसमें संशोधन के बाद मॉडीफायड डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के अंतर्गत इससे लाभ लेना आसान हो जाएगा. दरअसल, सब्सिडी सीधे खाते में पहुंचे, इसके लिए आधार कार्ड की जगह सिर्फ बैंक में खाता अनिवार्य होगा.

नए नियम की जानकारी
नए नियम पर गौर करें तो सरकार ने इस स्कीम के तहत लाभ लेने के लिए दो विकल्प सामने रखे हैं. पहला विकल्प आधार कार्ड बनाने के बाद बैंक में मौजूद खाते को लिंक करना होगा. अगर किसी मजबूरी में आधार कार्ड नहीं बना है, तो उसका दूसरा विकल्प भी उसके लिए मौजूद होगा. दूसरे विकल्प के अनुसार आप बस अपना खाता संख्या उससे लिंक कर दें.

एक साथ मिलेगा पहले लाभ
एलपीजी पर सब्सिडी का लाभ देने वाली यह मोडीफाइड स्कीम 15 नवंबर से लांच होने जा रही है. ऐसे में जो लोग इस स्कीम से पहले नहीं जुड़े थे, उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त समय इस स्कीम से जुड़ने के लिए दिया जाएगा. पार्किंग पीरियड यानी जो तीन महीने आपको स्कीम से जुड़ने के लिए खाता या आधार कार्ड की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मिलेंगे, उस दौरान आपकी सब्सिडी सरकार के पास एकत्र होती रहेगी. इसका मतलब यह है कि जब आप तीन महीने बाद स्कीम से जुड़ेंगे तो आपको तीन महीने का बचा हुआ लाभ भी कैश के रूप में आपके खाते में एक साथ आ जाएगा.

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