कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। What is Sengol : देश में नए संसद भवन के उद्धाटन में सेंगोल काफी चर्चा में हैं। नई संसद के उद्घाटन के मौके पर तमिलनाडु से आए विद्वान पीएम नरेंद्र मोदी को 'सेंगोल' भेंट करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी इसे लोकसभा में अध्यक्ष के कुर्सी के करीब स्थापित करेंगे। जागरण जोश की एक पोस्ट के मुताबिक यह सेंगोल आज से नहीं बल्कि आजादी के समय से भारत से जुड़ा है। 1947 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब भारत के पहले प्रधानमंत्री रूप में अपना पद संभाला था, तब उन्हें यह सौंपा गया था। सेंगोल एक पांच फीट लंबी छड़ी होती है। इसके सबसे ऊपर भगवान शिव के वाहन नंदी विराजमान होते हैं। मान्यता है कि नंदी न्याय व निष्पक्षता को दर्शाते हैं। सेंगोल का निर्माण चेन्नई के एक सुनार वुमुदी बंगारू चेट्टी ने किया था।


पीएम नेहरू को मिला था
सेंगोल शब्द तमिल शब्द सेम्मई' से निकला है। इसका अर्थ 'नीतिपरायणता' होता है। वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तमिल परंपरा के अनुसार नए राजा को सत्ता ग्रहण करने पर एक सेंगोल यानी कि राजदंड दिया जाता है। यह राज्य के राजगुरु द्वारा ही दिया जाता है। इसलिए थिरुवदुथुरै अधीनम मठ के राजगुरु ने आजादी मिलने से कुछ मिनट पहले 14 अगस्त की रात को यह लॉर्ड माउंटबैटन को दिया था। इसके बाद भारत के अंतिम शासक लॉर्ड माउंटबैटन ने बकायदा विधिविधान के साथ 15 अगस्त 1947 की आधी रात को यह पीएम जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल साैंप दिया था।

what is sengol : नये संसद भवन के उद्घाटन में 'सेंगोल' का रोल,देश के पहले pm को सौंपा गया था सत्ता हस्तांतरण का प्राचीन प्रतीक!

इस तरह से चला पता
यह सेंगोल नेहरू परिवार के पैतृक निवास प्रयागराज संग्रहालय यानी आनंद भवन में रखा था। इसके बारे में कुछ ही लोगों को पता था। 1975 में इस पर चर्चा हुयी लेकिन बाद में यह मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया। हालांकि अचानक से बीते साल तमिलनाडु में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर फिर यह मामला उठा। पीएम नरेंद्र मोदी को जब इसकी जानकारी हुयी तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। काफी खोजबीन के इसके आनंद भवन में हाेने का पता चला। इसके बाद पीएम मोदी ने इस सेंगोल को लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास प्रमुखता से स्थापित करने का फैसला लिया।

National News inextlive from India News Desk