काली पलटन मंदिर की मुरीद हो गई थी सुषमा स्वराज

वर्ष 2000 में मेरठ आने के बाद मंदिर में मांगी थी मन्नत, पूरी होने पर फोन पर दी थी सूचना

पं। दीन दयाल उपाध्याय सेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने शेयर किए संस्मरण

Meerut। पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज का मेरठ से खास लगाव रहा है। कम ही लोग जानते हैं कि औघड़नाथ मंदिर में मन्नत पूरी होने के बाद वह यहां की मान्यता की मुरीद हो गई थी। 25 सितंबर 2000 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर चेंबर्स ऑफ कॉमर्स में आयोजित कार्यक्रम में वह बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में पहुंची थी। उस दौरान पंडित दीन दयाल उपाध्याय सेवा संस्थान के जनरल सेक्रेट्ररी और कार्यक्रम संयोजक के साथ सुषमा स्वराज मंदिर दर्शन करने पहुंची थी। उस वक्त उन्होंने मंदिर में मन्नत भी मांगी थी। उस वक्त कार्यक्रम संयोजक रहे ब्रज भूषण शर्मा ने बताया कि इसके करीब 15 दिन बाद ही उनका फोन आ गया था और उन्होंने कहा था सच में मंदिर में बहुत शक्ति है।

बहुत दूरदर्शी थीं

कार्यक्रम के दौरान ही सुषमा स्वराज के लिए लंच का आयोजन पंडित दीन दयाल उपाध्याय सेवा संस्थान के अध्यक्ष बेनी माधव के साकेत स्थित घर में किया गया था। पुरानी यादों को ताजा करते हुए ब्रज भूषण शर्मा बताते हैं कि सुषमा स्वराज में गजब की दूरदर्शिता थी। मैनेजमेंट भी उनका बहुत अच्छा था। लंच के लिए जाते वक्त उनके साथ करीब 50-60 कार्यकत्र्ता थे। चूंकि लंच के लिए कुछ ही लोगों को इंविटेशन दिया गया था। ऐसे में उन्होंने पहले ही भांप लिया था कि अगर इतने लोग पहुंचे तो अव्यवस्था हो सकती है। ऐसे में उन्होंने कार्यकत्ताओं को कार्यक्रम स्थल भेज दिया था और वहीं उनके लिए सारी व्यवस्थाएं भी करा दी थी।

मिलनसार व्यक्तित्व की धनी

सुषमा स्वराज बहुत ही मिलनसार थी। बेनी माधव के बेटे सरल माधव बताते हैं कि घर पर लंच के कार्यक्रम के दौरान वह सभी सदस्यों से काफी आत्मीयता के साथ मिली थी। यही नहीं कार्यकर्ताओं के साथ भी उनका स्वभाव ऐसा ही रहता था। न तो वह किसी का नाम भूलती थी न ही चेहरा भूलती थी। ब्रज भूषण शर्मा बताते हैं कि कार्यकत्र्ताओं के साथ उनका स्वभाव बेहद सरल रहा।