कानपुर। International Women's Day Kab Hai : वूमेंस डे यानि महिला दिवस को पूरा विश्व मान्यता देता है। कई देशों में तो इस दिन पर राष्ट्रीय अवकाश रखा जाता है। महिला दिवस का इतिहास वैसे तो काफी पुराना है, पर इसे साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) द्वारा प्रायोजित किया गया। 20वीं सदी के दूसरे दशक की शुरुआत में जब पहली बार महिला दिवस मनाया गया तो उसका दिन था 19 मार्च। बाद में महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने और उन्हें महत्व व सम्मान देने के लिए पूरे विश्व में महिला दिवस का जो एक दिन निर्धारित हुआ, वो 8 मार्च था। आज भी 8 मार्च को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सेलीब्रेट किया जाता है।
ऐसे हुई महिला दिवस की शुरुआत
When is Women's Day 2020: महिला दिवस की विधिवत शुरुआत तो 20वीं सदी में हुई, लेकिन 19 वीं शताब्दी के मध्य में 8 मार्च, 1857 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में कुछ महिला श्रमिकों ने काम की बेहतर स्थिति और अच्छे वेतन की मांग के साथ एक विरोध प्रदर्शन किया। ब्रिटैनिका की रिपोर्ट के मुताबिक उस वक्त तो पुलिस ने पूरी ताकत से उस प्रदर्शन को कुचल दिया, लेकिन कई सालों के बाद उन महिलाओं ने फिर से पूरी ताकत लगा दी और सबको अपना दम दिखाने के लिए महिलाओं की स्वतंत्र मजदूर यूनियन बनाई। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) का महत्व महिलाओं के अधिकारों, खासतौर से मताधिकार को बढ़ावा देने के लिए 20 वीं सदी में तेजी से बढ़ा। महिला उत्थान के लिए चलाए जा रहे अपने अभियान के अंतर्गत सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका ने 1909 में पहले राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया, जिसे पूरे यूएस में सामूहिक बैठकों द्वारा प्रोत्साहित किया गया। यह क्रम कई साल तक चला।
दुनिया को ऐसे मिला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
इसके बाद प्रसिद्ध जर्मन एक्टिविस्ट क्लारा ज़ेटकिन के जोरदार प्रयासों के बदौलत इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने साल 1910 में महिला दिवस के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप और इस दिन पब्लिक हॉलीडे को सहमति दी। इस फलस्वरूप 19 मार्च, 1911 को पहला IWD ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित किया गया। हालांकि महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में फाइनली बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है।
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