ऐसी है जानकारी
दरअसल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जेल प्रशासन की ओर से आदिनाथ को होटवार जेल से नंगे पांव ही ईडी कोर्ट में पेश किया गया। हालांकि जेल प्रशासन की इस करतूत पर पर्दा डालते हुए ईडी कोर्ट ने तुरंत उनको जूते-चप्पल भी मुहैया कराने के आदेश दिए, लेकिन जेल प्रशासन के बंदियों संग व्यवहार का एक नजारा जरूर सामने आ गया।
जेल प्रशासन पर लगाया आरोप
यहां बताना जरूरी होगा कि अनिल आदिनाथ मधुकोड़ा केस में 2013 से जेल में बंद हैं। सोमवार को रांची के ईडी कोर्ट में जब अनिल पेश हुए, तो वह नंगे पांव थे। यहां बिना जूता-चप्पल पहने कोर्ट में पेश हुए आदिनाथ ने जेल प्रशासन पर और भी गई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा का बहाना बनाकर उनको जूता-चप्पल नहीं पहनने दिया गया। उनके साथ हुए ऐसे अमानवीय व्यवहार पर केस के मुख्य आरोपी और पूर्व सीएम मधुकोड़ा ने भी ऐतराज जताया।
अदालत ने सख्ती के साथ कहा ऐसा
इस मामले में उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की। आदिनाथ के अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने ट्रायल के दौरान किसी आरोपी संग हुए ऐसे ही बर्ताव कड़ी नाराजगी जताई और होटवार जेल प्रबंधन को तुरंत उनको जूता या चप्पल मुहैय्या कराने के निर्देश दिए। सिर्फ यही नहीं कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए ये भी कहा कि जूते पहनने में सुरक्षा की कोई समस्या नहीं है। बता दें कि पुणे के गोखले रोड निवासी अनिल वस्तावड़े 2013 में इंडोनेशिया से पकड़े जाने के बाद एकाएक सुर्खियों में आया। इनपर मधुकोड़ा की प्रॉपर्टी को विदेशों में हवाला के जरिए लांड्रिंग करने का आरोप है।
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