- दून और हरिद्वार में रह रोज होता लाखों का अवैध खनन

- पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत पर उठते हैं सवाल

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DEHRADUN : अवैध खनन का कारोबार प्रदेश में नया नहीं है। प्रदेश निर्माण से पहले चले आ रहे खनन माफियाओं के इस कारोबार पर आज तक न तो प्रदेश सरकार और न ही वन विभाग और पुलिस लगाम लगा सकी है। जब प्रदेश एंटी माइनिंग विजिलेंस के गठन को भी लंबा समय हो गया है, लेकिन खनन माफियाओं के मंसूबे आज भी सातवें आसमान पर हैं। सैटरडे को की गई डीजीपी बीएस सिद्धू और उनकी पुलिस टीम की कार्रवाई के बाद यह कहना गलत नहीं होगा प्रदेश में अवैध खनन का कारोबार अब भी नहीं रुकेगा। क्योंकि खनन माफिया हर रात नदियों को खोदकर खनन चोरी करते हैं।

'वाइट गोल्ड' का ब्लैक धंधा

अवैध खनन के कारोबार को प्रदेश में 'वाइट गोल्ड' के नाम से जाना जाता है। सत्ताधारियों से लेकर कई सफेदपोशों के करीबी अपनी पहुंच बैठाकर अवैध खनन करते हैं। इससे एक तरफ तो सरकार को रॉयल्टी में बड़ा चूना लगता है वहीं नदियों में जहां-तहां खुदाई से नैचुरल परेशानियां पैदा होती हैं। प्रदेश में बीते कई साल में सरकार ने इस कारोबार को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए हैं। विपक्ष में बैठी बीजेपी ने जहां विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया है वहां सरकार भी इस पर लगाम के कई हवाई दावे किए। धरातल पर 'वाइट गोल्ड' का ब्लैक कारोबार रोकने के लिए एंटी माइनिंग विजिलेंस का गठन कर दिया गया है। इसके गठन के बाद तो इस डिपार्टमेंट ने कई रेड की, लेकिन बीते कुछ महीने से टीम के सीईओ संजय गुंज्याल के पास गढ़वाल रेंज की जिम्मेदारी आई तो अवैध खनन माफिया फिर अवैध खनन के लिए नदियों में उतर गए हैं।

धरातल पर मजबूती जरूरी

पुलिस अधिकारी महीने में एक या दो बार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई अपनी उपलब्धियां बढ़ा लेते हैं, लेकिन प्रदेश में अवैध खनन की स्थिति देखी जाए तो रूटीन में होने वाली कार्रवाई से इस धंधे पर कोई लगाम लगने वाली नहीं है। अवैध खनन रोकने के लिए वन चेक पोस्ट और थाना पुलिस की 'मिलीभगत' से बाहर निकालकर माफियाओं पर सख्त कार्रवाई कराने की जरूरत है।

माफियाओं में नहीं खौफ

प्रदेश में बीते कुछ महीने से खनन माफिया बेखौफ हो गए हैं। स्थिति ऐसी है कि पुलिस या वन विभाग अवैध खनन से भरे वाहन रोकने की कोशिश करते हैं तो खनन माफिया मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। इतना ही नहीं दून में तो खनन माफिया पुलिस की पड़क से अवैध खनन से लदे वाहन तक छुड़ा ले गए हैं।

दून और हरिद्वार में यहां होता है अवैध खनन

- रिस्पना नदी,

-बिंदाल नदी,

-रवासन नदी,

-टोंस नदी,

-सौंग नदी,

-मालदेवता नदी,

-बाणगंगा