- पुलिस कस्टडी में होने वाली मौत का थम नहीं रहा सिलसिला

-घटनाएं होने के बाद दामन साफ करने में लग जाते है अफसर

KAUSHAMBI: थानों पर किसी को लाकर हरेसमेंट न किया जाए, पुलिस जनता के साथ मधुर व्यवहार करे। किसी को गिरफ्तार करने से पहले उसके घरवालों को गिरफ्तारी की सही वजह बताई जाए। और भी न जाने क्या-क्या दलीलें पुलिस के अफसर मातहतों को देते हैं। लेकिन कौशांबी की संवेदनहीन हो चुकी खाकी पर इसका तनिक भी असर नहीं दिख रहा है। पुलिस कस्टडी में लोगों की मौत होती रहती है और अफसर जांच का हवाला देकर मातहतों का दामन साफ करते रहते हैं।

लॉकअप में बेरहमी से पीटा

कौशांबी पुलिस के संवेदनहीन रवैए में गुलाम की मौत एक नए अध्याय के रूप में जुड़ गई। गुलाम के घरवाले कस्टडी में खुदकुशी की बात को हजम नहीं कर पा रहे हैं। वह लोग पूरे मामले को हत्या करार दे रहे हैं। गुलाम की मां रेशमा परवीन का कहना है कि दो दिन पहले पुलिस वाले उसके बेटे को पूछताछ की बात कहकर घर से लिवा लाए थे। गुरुवार को वह कोखराज थाने पहुंची तो बेटे ने बताया कि पुलिस वालों ने बहुत पीटा है। पिटाई में चोट के निशान भी बेटे ने दिखाए। अब पुलिस खुदकुशी की कहानी गढ़ रही है।

जगदेव की मौत पचा गई पुलिस

वर्ष 2013 में चरवा पुलिस की कस्टडी जगदेव कुशवाहा की मौत हो गई थी। पुलिस उसे कटहल चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार करके लाई थी। घरवालों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया तो थाने के सिपाही हामिद अंसारी को लाइन हाजिर कर दिया गया। बाद में मौत का कारण हीटस्ट्रोक बताकर पुलिस ने पूरे प्रकरण से पल्ला झाड़ दिया।

सराय अकिल में भी हुई थी मौत

सराय अकिल पुलिस करीब चार साल पहले नंदा का पुरवा गांव में दबिश देने गई थी। पुलिस ने वहां एक युवक को दौड़ाया तो वह दीवार फांद कर भागने लगा। इस दौरान वह दीवार से गिरकर जख्मी हो गया। पुलिस वाले उसे अस्पताल ले जाने के बजाय थाने ले जा रहे थे तभी उसकी मौत हो गई।

भरवारी में हुआ था बवाल

करीब आठ साल पहले कोखराज पुलिस चाकवन चौराहे पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इस दौरान एक बाइक से तीन युवक आते दिखे। पुलिस ने उन्हे रोकने के लिए डंडा फेंककर मार दिया। इससे बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में एक की मौत हो गई जबकि दो अन्य को काफी चोट आई। मरने वाला युवक भरवारी के एक बड़े व्यापारी का बेटा था। इसे लेकर भरवारी कस्बे में जमकर बवाल हुआ। ललोगों ने भरवारी पुलिस चौकी में आग लगा दी।