- भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे कप्तान

- लगातार कार्रवाई के बाद भी नहीं रुक रहा पुलिस का भ्रष्टाचार

- तीन महीने के दौरान जिले में 25 पुलिस वाले सस्पेंड, 32 लाइन हाजिर

GORAKHPUR: जिन पुलिसकर्मियों के कंधों पर लोगों की सुरक्षा का बोझ है, खुद उनकी हरकतें ही महकमे को शर्मसार कर रही हैं। सरकार बदल गई, अधिकारी बदल गए, लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह है जिला पुलिस का आचरण। पुलिस द्वारा अवैध वसूली से लेकर मारपीट का मामला हो या फिर पुलिस के खुद अपराध में शामिल होने की बात। ये खाकी की मर्यादा को तार-तार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। हालत यह है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर आए दिन जिले में पुलिस कर्मियों पर अधिकारियों की गाज तो गिर रही है, लेकिन इनकी वसूली या भ्रष्टाचार बंद होने का नाम नहीं ले रही है।

तीन माह में 25 सस्पेंड, 32 लाइन हाजिर

एसएसपी शलभ माथुर लगातार गोरखपुर में जीरो टॉलरेंस पर काम करते हुए भ्रष्ट पुलिस वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। अपने करीब तीन महीने के कार्यकाल के दौरान अब तक उन्होंने गोरखपुर में जहां भ्रष्ट व लापरवाह 25 पुलिस वालों पर निलंबन की कार्रवाई की। वहीं, 32 कर्मियों को लाइन हाजिर किया गया। वहीं, गो-तस्करी में लिप्त एक सिपाही के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कर न सिर्फ उसे जेल भेजा गया, बल्कि उसके बर्खास्तगी की भी कार्रवाई शुरू हो गई। लेकिन इन सबके बाद भी हैरानी है कि विभाग की जड़ में बस चुका भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

कुछ कर्मियों की हरकत से विभाग बदनाम

पुलिस और अपराध का नाता नया नहीं है। चंद दागी पुलिसकर्मियों के कारनामों की वजह से पूरे पुलिस महकमे पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराध पर लगाम कसने की जिम्मेदारी भूल कर कुछ पुलिसकर्मी दूसरे कामों में रुचि ले रहे हैं। लिहाजा पुलिस विभाग के दागी उसके लिए मुसीबत बने हुए हैं। हालांकि इन्हें लेकर पुलिस के अधिकारी तो पूरी तरह सख्त हैं और समय-समय पर ऐसे पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई भी कर रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस पर लगते दाग का सिलसिला फिलहाल कम होता नजर नहीं आ रहा है।

लगातार गिर रही भ्रष्टाचारियों पर गाज

हालांकि पुलिसकर्मियों पर लगातार बढ़ती जा रही कार्रवाई से यह तो साबित हो गया है कि अधिकारी इसे लेकर पूरी तरह सख्त हैं और वे दोषी पुलिसकर्मियों को किसी भी दशा में बख्शना नहीं चाहते। यही वजह है कि वर्ष 2016 में जहां गोरखपुर में 63 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी, वहीं साल 2017 में अब तक 75 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं इनमें से तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। जबकि दो के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए भी शासन को लिखा गया। ऐसे में लापरवाह और अनुशासनहीनता करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए अब ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा।

जिले में इतने पुलिस कर्मियों पर हुई कार्रवाई

साल इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर हेड कांस्टेबल कांस्टेबल

2018 8 21 2 23

2017 6 17 6 46

2016 1 12 10 40

नोट- वर्ष 2018 का आंकड़ा 19 मार्च से 15 जून तक की कार्रवाई का है। इसमें सस्पेंड और लाइन हाजिर दोनों शामिल हैं।

वर्जन

भ्रष्टाचार में लिप्त और अनुशासन के खिलाफ काम करने वाले किसी भी मातहत को बख्शा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिस भी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत मिल रही है या फिर उनकी अनुशासनहीनता सामने आ रही है। उनकी जांच कराकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।

- शलभ माथुर, एसएसपी