-सिटी में लंबे समय से हो रही है फ्लाई ओवर की डिमांड

-टाटा स्टील ने एक के लिए दिया था प्रपोजल और दूसरे के लिए सैंक्शन कर दिए थे 800 करोड़

-रोड एक्सीडेंट और बदहाल ट्रैफिक ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

JAMSHEDPUR : सिटी में रोड एक्सीडेंट की घटनाओं से राहत दिलाने के लिए लंबे समय से फ्लाई ओवर की डिमांड हो रही है। इसके लिए धरना-प्रदर्शन व आंदोलन होता रहता है, लेकिन आज भी सिचुएशन वही है जो दो साल पहले थी। फ्लाई ओवर कंस्ट्रक्शन को लेकर कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है। टाटा स्टील के एक सीनियर अधिकारी ने इस मामले में कुछ भी खुल कर कहने से इंकार करते हुए कहा कि वे काम करने के लिए तैयार हैं। गवर्नमेंट की कोताही के कारण ही यह मामला वषरें से लटका पड़ा है।

होती है ट्रैफिक प्रॉब्लम

सिटी में तीन फ्लाईओवर बनाने की तैयारी थी, लेकिन एक का भी कंस्ट्रक्शन शुरू नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक बर्मामाइंस स्थित सुनसुनिया गेट से एनएच-फ्फ् तक क्8 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के साथ ही एनएच-फ्फ् से हाता के लिए ख्0 किलोमीटर लंबा कनेक्टिंग फ्लाईओवर बनाया जाना था। तीसरे फ्लाई ओवर के लिए जगह की तलाश चल रही थी। सुनसुनिया गेट से एनएच फ्फ् तक क्8 किलोमीटर लंबे फ्लाई ओवर के लिए टाटा स्टील द्वारा फ‌र्स्ट फेज में 800 करोड़ रुपए भी सैंक्शन कर दिए गए थे।

अब तक नहीं हुआ कोई काम

पीपीपी मोड पर बनाए जाने वाले फ्लाईओवर को लेकर अर्जुन मुंडा सरकार के वक्त काफी दावे किए गए थे। हाता से एनएच-फ्फ् तक ख्0 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के लिए टाटा स्टील द्वारा स्टेट गवर्नमेंट को प्रपोजल भी दिया गया था। सिटी में अक्सर रोड एक्सीडेंट की घटनाएं होती हैं। अलग झारखंड राज्य का गठन होने के बाद से सिटी में अब तक रोड एक्सीडेंट में क्क्00 से ज्यादा लोगों की डेथ हो चुकी है।

सुबह म् से रात क्0 बजे तो नो इंट्री की मांग

इस बीच डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस ने लोगों को रोड जाम व ट्रैफिक प्रॉब्लम से निजात दिलवाने के लिए नो इंट्री की टाइम में चेंज किया था। इससे ट्रांसपोर्टर्स की परेशानी बढ़ गई। उन्होंने धरना-प्रदर्शन व अन्य तरीकों से एडमिनिस्ट्रेशन पर प्रेशर बनवाकर दिन में हेवी व्हीकल्स की इंट्री का रास्ता साफ करवा लिया। हालांकि, कुछ एक्सीडेंट प्रभावित लोगों ने डीसी ऑफिस के पास धरना देकर फ्लाई ओवर कंस्ट्रक्शन तक सिटी में सुबह म् बजे से रात क्0 बजे तक बड़े व हेवी व्हीकल्स की इंट्री पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन इसे अनसूना कर दिया गया।