-फ्यूल की चोरी से परेशान हैं पेट्रोल पंप संचालक
-डिपो से निकलने के बाद रास्ते में गायब हो रहा पेट्रोल-डीजल
-300 है जिले में कुल पेट्रोल पंपों की संख्या
-20 लाख लीटर एक दिन में पेट्रोल-डीजल की खपत
-12000 लीटर तेल आता है एक टैंकर में
-50 लीटर तक की हो जाती है चोरी
vineet.tiwari@inext.co.in
PRAYAGRAJ : सवाल बहुत बड़ा है लेकिन जवाब किसी के पास नहीं. पेट्रोल पंप संचालकों की शिकायत है कि डिपो से निकलने के बाद रास्ते में टैंकर से पेट्रोल-डीजल गायब हो रहा है. पुलिस से लेकर तेल कंपनियों से कम्प्लेन दर्ज कराई गई फिर भी कोई हल नहीं निकला. पंप संचालकों का कहना है कि फ्यूल चोरी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और इसकी भरपाई मुश्किल है. कहीं न कहीं इसका खामियाजा पब्लिक को भी भुगतना पड़ सकता है.
मास्टर-की कि तलाश में डीलर्स
जिले के पेट्रोल पंप डीलर्स लगातार घट रहे मुनाफे से परेशान हैं. उनका कहना है कि टैंकर्स से लगातार पेट्रोल-डीजल की चोरी हो रही है. हर चक्कर में 30 से 40 लीटर फ्यूल निकाला जा रहा है. इसको लेकर पंप संचालकाें के होश उड़े हुए हैं. उनके मुताबिक टैंकर चालकों के पास मास्टर की मौजूद है. इससे वह तेल कंपनी द्वारा लगाए गए लॉक को खोलकर तेल चोरी कर रहे हैं.
पहले भी हो चुका है खुलासा
तीन साल पहले जांच में तीन टैंकर में एक्स्ट्रा सेटिंग पकड़ में आई थी. इनमें से एक बार में 200 लीटर तेल आसानी से निकाला जा सकता था. खुलासे के बाद तेल कंपनी ने 18 टैंकरों को बैन कर दिया था. कार्रवाई के बाद भी तेल का खेल रुक नहीं रहा है.
रिजेक्ट हो चुके हैं कंपनियों के लॉक
हाल ही में एक बड़ी कंपनी के लॉक को रिजेक्ट कर दिया गया है. वजह, उनके ताले खोलने में चोर सफल हो रहे थे. अंदाजा होने के बाद तेल कंपनी ने ताले बनाने वाली कंपनी को सॉरी बोल दिया.
अब बायोमीट्रिक लॉक लगाने की मांग
तेल कंपनियों ने अब टैंकर्स में बायोमीट्रिक लॉक लगाना शुरू कर दिया है. यह प्रयोग मुंबई में किया जा रहा है. यह लॉक थम्ब इम्प्रेशन के जरिए ही खुलते हैं.
भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
अगर तेल चोरी पर लगाम नहीं लगी तो इसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ सकता है. कुछ पंप संचालकों का कहना है कि घटतौली के मामले सामने आ रहे हैं. यह बिलकुल सही नहीं है और इसका विरोध किया जाता है. लेकिन तेल चोरी के बढ़ते मामलों के चलते पंप संचालक भी मजबूर हो चुके हैं.
टैंकर चालक डंके की चोट पर तेल चोरी को अंजाम दे रहे हैं. शहर में उनके स्पॉट फिक्स हैं और वहां मास्टर-की से लॉक को खोलकर पेट्रेाल और डीजल निकाला जाता है. हमने यह स्पॉट चिन्हित कर लिए हैं. जल्द ही सुबूत भी हासिल कर लेंगे.
-रोहित केसरवानी, महामंत्री, इलाहाबाद पेट्रोल डीजल डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन
पुलिस से शिकायत की जा चुकी है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. वह उल्टे हमसे ही सुबूत मांगते हैं. जबकि हमें पेट्रोल-डीजल बेचकर होने वाले मुनाफे से चोरी का अंदाजा हो जाता है. पहले भी इस तरह का कॉकस पकड़ा जा चुका है.
-मो. अशरफ अशफाक, अध्यक्ष, इलाहाबाद पेट्रोल डीजल डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन
मेट्रो सिटीज में बायोमीट्रिक लॉक यूज हो रहा है. यहां भी इसको फॉलो करना चाहिए. वरना सेल घटने से पहले ही पंप संचालक परेशान हैं और अब तेल चोरी हमें अधिक झटका लग रहा है. चोरों पर कार्रवाई भी नहीं हो रही है.
-शशांक वत्स, उपाध्यक्ष, इलाहाबाद पेट्रोल डीजल डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन