आगरा। प्राकृतिक या दैवीय आपदा की मुसीबत से बचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राहत आपदा प्रबंधन विभाग का गठन किया गया है। इस विभाग का मुख्य कार्य प्राकृतिक आपदा या कोई भयंकर त्रासदी होने पर लोगों का बचाव कर उनको राहत पहुंचाना है, लेकिन ताजनगरी में राहत आपदा प्रबंधन का कार्य निष्क्रिय पड़ा हुआ है। कभी-कभार महीने साल में कोई औपचारिक ट्रेनिंग की रस्म अदायगी कर बजट का ठिकाने लगा दिया जाता है।

लाखों का अता-पता नहीं

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा हर बार जिला प्रशासन को लाखों रुपये का बजट मुहैया कराया जाता है। जिले में एडीएम एफआर राजकुमार राहत आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी हैं। ताजनगरी में शनिवार का दिन गनीमत भरा रहा, कि भूकंप के झटके तेज नहीं थे, नहीं तो भयंकर अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था। अगर स्थिति बिगड़ती तो यहां लेने के देने पड़ जाते।

क्या है नियम

राहत आपदा प्रबंधन के तहत जिले को शासन द्वारा लाखों रुपये का बजट मुहैया कराया जाता है। नियमानुसार महीने में कम-से-कम दो ट्रेनिंग होनी चाहिए। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि फरवरी के पहले वीक में गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम ने कुछ लोगों को प्रशिक्षण दिया था, जबकि राहत आपदा प्रबंधन द्वारा कब प्रशिक्षण दिया गया, इसका किसी को कोई अतापता नहीं है।

चलेगा जागरूकता अभियान

जिले में सिविल डिफेंस के तकरीबन 1100 वालंटियर हैं। सिविल डिफेंस का मुख्य कार्य लोगों में प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाना है। आपदा के समय फैलती अफवाहों पर रोक लगाना है। उपल?ध उपकरणों के माध्यम से घायल लोगों को इलाज मुहैया कराना है। अभी हाल में ही फरवरी सिविल डिफेंस द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया था।