वाशिंगटन (पीटीआई) विश्व स्वास्थ्य संगठन 'चीनी प्रचार' का एक उपकरण बन गया है। ट्रंप प्रशासन ने यह आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने कोरोना वायरस संकट के दौरान अपनी सभी विश्वसनीयता खो दी है। बता दें कि ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए अमेरिका की फंडिंग पर रोक लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ इस महामारी के दौरान चीन का ज्यादा पक्ष ले रहा है, इसलिए उसकी फंडिंग रोकी जा रही है। अब अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने मंगलवार को कहा, 'डब्ल्यूएचओ के साथ समस्या यह है कि वे इस संकट के दौरान सभी विश्वसनीयता खो चुके हैं। ऐसा नहीं है कि डब्लूएचओ कई वर्षों से एक उच्च-विश्वसनीय संगठन है। अमेरिका डब्ल्यूएचओ पर आधा बिलियन डॉलर से अधिक खर्च करता है। वहीं, चीन उसपर सिर्फ 40 मिलियन डॉलर खर्च करता है फिर भी WHO चीनी प्रचार का एक साधन बन गया है।'

डब्ल्यूएचओ की सारी बात झूठी

ओ ब्रायन ने कहा कि 14 जनवरी को डब्ल्यूएचओ ने अमेरिका को आश्वस्त किया कि कोरोना एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैल रहा है, जो पूरी तरह से गलत साबित हुआ। उन्होंने कहा कि फरवरी में, डब्ल्यूएचओ ने यात्रा प्रतिबंधों की आलोचना की, जो चीन और अन्य हॉटस्पॉटों से यात्रा पर लगाए जा रहे थे, यह काम अमेरिका ही नहीं बल्कि अन्य देश भी कर रहे थे। ब्रायन ने कहा कि 11 मार्च को, WHO गैर-चिकित्सीय सलाह के साथ सामने आया और कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने इस वायरस को शानदार तरीके से जवाब देकर खत्म कर दिया है लेकिन यह बात भी झूठी निकली क्योंकि यह वायरस अब लगभग 163 देशों में फैल चुका है। ब्रायन ने कहा, 'हमने डब्ल्यूएचओ के लिए अपनी फंडिंग तो रोक दी है लेकिन इस पैसों को अब वहां खर्च किया जाएगा, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरुरत है। हम उन लोगों व देश तक सीधे यह पैसा पहुंचाएंगे, जो इस बीमारी से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।'

International News inextlive from World News Desk