Scene 1 : डीएम ऑफिस, जहां से कई तरह के नियमों का फरमान जारी होता है, बावजूद इसके इस कैंपस में साल भर से गुटखा और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर रोक नहीं लग पाया है। डेली यहां से हजार से अधिक की सेलिंग होती है। सेलर के लिए यह प्राइमरी लोकेशन है।

Scene 2 : हाईकोर्ट के इंट्री गेट से हर दिन सैकड़ों लोगों का आना-जाना होता है। इस गेट पर गुटखा और तंबाकू उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। गेट पर आठों घंटे पुलिस की तैनाती होती है, वो भी गाहे-बगाहे इसको खाकर अपना दिन निकाल लेते हैं।

Scene 3 : सुबह और शाम सैर करने के बाद जब लोग राजधानी वाटिका से बाहर निकलते हैं, तो सामने गुटखे और तंबाकू प्रोडक्ट की दुकान सजी रहती है। सुबह और शाम में इस शॉप पर जमकर बिक्री होती है।

Scene 4 : जू की हालत और भी खराब है। अंदर तो प्लास्टिक प्रोडक्ट पर बैन है, लेकिन गेट के सामने एडमिनिस्ट्रेशन की नजर तक नहीं पड़ती है। लिहाजा, सिगरेट के धुआं और गुटखा खाकर ही लोग आगे बढ़ते हैं।

एनएमसीएच से लेकर पीयू कैंपस तक

गुटखा और तंबाकू प्रोडक्ट्स अब भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं। एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई ध्यान है ही नहीं। गुटखा की सेल सबसे अधिक सरकारी ऑफिस और हॉस्पीटल्स के सामने होती है। पीएमसीएच, एनएमसीएच से लेकर पीयू कैंपस तक के गेट पर यह खूब बिकता है। पटना जंक्शन से लेकर मीठापुर बस स्टैंड, गांधी मैदान से लेकर अशोक राजपथ, हर जगह धड़ल्ले से गुटखा और उसके प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं।

एक साल में सिर्फ 25 पर फाइन

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्र्स एक्ट 2006 के तहत सालों भर खाद्य सुरक्षा आयुक्त संजय कुमार ने इस पर प्रतिबंध लगाते हुए फाइन लगाने की बात कही थी। डिस्ट्रिक्ट से लेकर ब्लॉक लेवल तक पर इसके लिए टीम गठित की गइ थी। 30 मई 2012 से 30 मई 2013 तक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो सिर्फ 25 लोगों पर फाइन किया गया। दो सौ रुपए से लेकर हजार रुपए तक की फाइन की गई, जबकि हर दिन गुटखा और उसके प्रोडक्ट्स की सेलिंग करोड़ों में होती है।

सौ मीटर की दूरी पर था प्रतिबंध

स्कूल, कॉलेज, हॉस्पीटल से लेकर तमाम सार्वजनिक जगहों पर इसकी सेल पर रोक लगी है। जो भी इसका यूज करते हुए पकड़े जाता है, उस पर फाइन किया जाता है, पर ऐसा कुछ नहीं होता है। वल्र्ड नो टोबैको डे पर इसको लेकर नियम तो बना दिया जाता है, पर आगे की कार्रवाई पर सभी चुप्पी साध लेते हैं।

किसी ने भी नहीं काटा चालान

कोटपा अधिनियम के तहत पुलिस-हेल्थ और एजुकेशन डिपार्टमेंट के ऑफिसर को यह जवाबदेही दी गयी थी कि वह अपने आसपास इस तरह की गड़बड़ी के खिलाफ कार्रवाई करें, पर पटना डिस्ट्रिक्ट में ही इसको नजर अंदाज कर दिया गया है।

कई तरह की बीमारी का खतरा

गुटखा और तंबाकू प्रोडक्ट्स का असर कई तरह की बीमारी पर डायरेक्ट पडऩे लगा है। स्टेट में माउथ कैंसर काफी बढ़ा है। महावीर कैंसर का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। डायरेक्टर डॉ। जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह के प्रोडक्ट्स पर जब तक टोटली वैन नहीं लगेगा, तब तक माउथ कैंसर को कम नहीं किया जा सकता है। सिगरेट पीने से सीधे लंग्स पर बुरा असर पड़ता है।

Pulmonary test today

अगर आपको लगता है कि आपके लंग्स कमजोर हो रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आई नेक्स्ट की ओर से शहर में कई जगह शहर के जाने माने चेस्ट स्पेशलिस्ट की टीम आपका पल्मूनरी फंग्सन टेस्ट करेगी। इससे आपको पता चल जाएगा कि आपका लंग्स कितना मजबूत है या फिर वह सिगरेट की धुएं से खराब हो रहा है या नहीं। इस टेस्ट की खासियत है कि इसमें आसानी से आपके लंग्स की पूरी हकीकत का पता चल जाता है। इस बार आई नेक्स्ट की ओर से पल्मूनरी फंग्शन टेस्ट कैंप का आयोजन पीएंडएम मॉल पटना, प्रियदर्शिनी मोटर सगुना मोड़, देनी टीवीएस कंकड़बाग, आशा हीरो अनीसाबाद में आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर चेस्ट स्पेशलिस्ट्स ऑन द स्पॉट जांच और एडवाइस प्रिस्क्राइव करेंगे।